रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन ऑफ झारखंड की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की. इस दाैरान अदालत ने प्रार्थी का पक्ष सुना. इसके बाद अदालत ने वित्त विभाग, पथ निर्माण विभाग, पेयजल व स्वच्छता विभाग, जल संसाधन विभाग व बोर्ड ऑफ रेवेन्यू को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई सात जनवरी 2025 को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि पब्लिक वर्क कोड-2012 के तहत राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में कनीय अभियंता से सहायक अभियंता पद पर प्रोन्नति के दो वर्ष के बाद विभागीय परीक्षा पास करने का नियम है. इसके बाद ही वेतन वृद्धि करने का प्रावधान है, लेकिन उस नियम का वित्त विभाग गलत व्याख्या कर रहा है. वित्त विभाग का कहना है कि विभागीय परीक्षा पास करने के बाद ही वेतन वृद्धि का लाभ मिल सकेगा. वर्ष में दो बार मई-जून तथा अक्तूबर-नवंबर माह में विभागीय परीक्षा आयोजित करना है, लेकिन झारखंड में विभागीय परीक्षा भी समय पर नहीं ली जा रही है. इसलिए वेतनवृद्धि रोकना उचित नहीं है. अधिवक्ता श्री वत्स ने अदालत से इसकी सही व्याख्या करने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन ऑफ झारखंड की ओर से याचिका दायर की गयी है.
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