मेंगलुरु से वापसी की इच्छा रखने वाले प्रवासी श्रमिकों में सबसे ज्यादा लोग झारखंड के

मेंगलुरु के दक्षिण कन्नड़ जिला से सबसे ज्यादा प्रवासी श्रमिक झारखंड लौटने के लिए बेताब हैं. मेंगलुरु जिला प्रशासन के ‘सेवा सिंधु’ पोर्टल पर 40,510 लोगों ने अपने घर लौटने की अनुमति मांगी है. इनमें सबसे ज्यादा झारखंड के प्रवासी हैं. झारखंड के बाद बिहार, उत्तर प्रदेश, ओड़िशा और बंगाल शामिल हैं. अपने घर लौटने की अनुमति मांगने वाले लोगों की संख्या में 9 मई को ट्रेन खुलने के बाद से तेजी से इजाफा हुआ है.

By Mithilesh Jha | May 14, 2020 9:59 AM
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रांची : मेंगलुरु के दक्षिण कन्नड़ जिला से सबसे ज्यादा प्रवासी श्रमिक झारखंड लौटने के लिए बेताब हैं. मेंगलुरु जिला प्रशासन के ‘सेवा सिंधु’ पोर्टल पर 40,510 लोगों ने अपने घर लौटने की अनुमति मांगी है. इनमें सबसे ज्यादा झारखंड के प्रवासी हैं. झारखंड के बाद बिहार, उत्तर प्रदेश, ओड़िशा और बंगाल शामिल हैं. अपने घर लौटने की अनुमति मांगने वाले लोगों की संख्या में 9 मई को ट्रेन खुलने के बाद से तेजी से इजाफा हुआ है.

दक्षिण कन्नड़ जिला से अब तक 10,490 लोग अपने गृह राज्य लौटे हैं. सबसे पहले झारखंड के लिए ट्रेन खुली थी, जिसमें 1,148 यात्री अपने घर लौटे. इसके बाद उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए 10 मई को ट्रेन खुली, 11 मई को उत्तर प्रदेश के लिए एक ट्रेन खुली, तो 12 मई को बिहार के लिए. इसके बाद 13 मई को बिहार और उत्तर प्रदेश के लिए ट्रेनें खुलीं.

इस जिला में झारखंड के 7,000 श्रमिकों के होने का अनुमान है. एक ट्रेन में अधिकतम 1,460 लोग यात्रा क सकते हैं. इसलिए मेंगलुरु की उपायुक्त सिंधु बी रुपेश ने अपने घर लौटने की इच्छा रखने वाले प्रवासियों से अपील की है कि वे किसी अफवाह पर ध्यान न दें. राज्य सरकार की अनुमति मिलने के बाद ट्रेनों का संचालन शुरू होगा और संबंधित राज्य के लोगों को उनके घर भेजने की व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से की जायेगी.

उपायुक्त ने कहा है कि अंतरराज्यीय यात्रा के लिए एक प्रोटोकॉल का पालन करना होता है. यात्रियों की एक-एक डिटेल देनी होती है. इस प्रक्रिया का पालन करने के बाद ही कोई व्यक्त एक राज्य से दूसरे राज्य में जा सकता है. इसमें थोड़ा वक्त लगता है.

देश भर में जब लॉकडाउन की घोषणा की गयी, उसके बाद जिला में आश्रय गृह स्थापित किये गये, जहां प्रवासी श्रमिकों के ठहरने के इंतजाम किये गये. उन्हें भोजन-पानी उपलब्ध कराया गया. जिला प्रशासन ने 20 हजार से अधिक फूड किट और करीब 4 लाख लोगों को फूड पैकेट उपलब्ध कराये गये. उपायुक्त ने कहा है कि जब अंतर जिला यात्रा के लिए पास जारी किये गये, तो 500 बसों के जरिये 12,970 लोगों को राज्य के 25 जिलों में भेज दिया गया.

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