आइआइएम रांची : एमबीए के विद्यार्थी करेंगे कानूनी अध्ययन और जिम्मेदार व्यवसाय की पढ़ाई

आइआइएम रांची के विद्यार्थी अब लीगल स्टडीज और रिस्पांसिबल बिजनेस की पढ़ाई कर सकेंगे. सत्र 2024 से इस विषय को मल्टीडिसिप्लिनरी कोर्स के तहत शामिल किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 29, 2024 11:56 PM

रांची (वरीय संवाददाता). आइआइएम रांची के विद्यार्थी अब लीगल स्टडीज और रिस्पांसिबल बिजनेस की पढ़ाई कर सकेंगे. सत्र 2024 से इस विषय को मल्टीडिसिप्लिनरी कोर्स के तहत शामिल किया जा रहा है. संस्था के एमबीए प्रोग्राम से जुड़े विद्यार्थियों को इससे कानूनी अध्ययन और जिम्मेदारी पूर्वक व्यवसाय संचालन की जानकारी मिलेगी. आइआइएम रांची के प्राध्यापकों ने कोर्स का पाठ्यक्रम को वर्तमान व्यवसासिक चुनौतियों को ध्यान में रखकर तैयार किया है. विषय की जानकारी हासिल कर आने वाले दिनों में विद्यार्थी कॉर्पोरेट जगत में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे. लीगल स्टडीज और रिस्पांसिबल बिजनेस कोर्स की पढ़ाई एमबीए के द्वितीय वर्ष में शामिल विद्यार्थियों को करायी जायेगी. पाठ्यक्रम द्वितीय वर्ष के छठे टर्म में लागू किया जायेगा. इससे तीन माह तक विद्यार्थी पाठ्यक्रम से जुड़कर संबंधित जानकारी हासिल कर सकेंगे. इससे फाइनल इयर के विद्यार्थियों को व्यवसाय के जरूरी कानूनी पहलुओं और व्यावसायिक प्रथाओं की समेकित जानकारी मिलेगी. पाठ्यक्रम के अध्ययन से विद्यार्थी में व्यवसाय के व्यापक दृष्टिकोण की समझ विकसित होगी.

प्रबंधन के छात्रों के लिए कानूनी जानकारी जरूरी

निदेशक प्रो दीपक श्रीवास्तव ने बताया कि भारत की कानूनी व्यवस्था में लगातार बदलाव देखा जा रहा है. औद्योगिक विकास के साथ व्यवसाय के बढ़ते आयाम में प्रबंधन के विद्यार्थियों के लिए कानून के विभिन्न अधिनियम की जानकारी जरूरी है. कोर्स से जुड़ने वाले विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के तहत लेबर लॉ, बिजनेस लॉ, कंपीटिशन लॉ, प्राइवेसी लॉ के साथ-साथ कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिब्लिटी, एंवायरनमेंट, सोशल एंड गवर्नेंस और स्टार्टअप इकोसिस्टम की जानकारी मिलेगी. विद्यार्थी के किसी भी व्यवसाय जगत से जुड़ने पर उसे अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन कर व आगे बढ़ाने में मदद होगी. वर्तमान में तेजी से उभरते स्टार्टअप और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से व्यवसाय जगत में कई नैतिक पहलुओं का उल्लंघन हो रहा है, पाठ्यक्रम की जानकारी होने से प्रबंधन के छात्र इन विषयों को कानूनी पक्ष से नियंत्रित कर सकेंगे. पाठ्यक्रम से जुड़ने पर विद्यार्थी इन विषयों पर शोध भी कर सकेंगे. इससे जिम्मेदार व्यावसायिक प्रथाओं को बढ़ावा मिलेगा.

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