Jharkhand News रांची: झारखंड में लगभग चार लाख बच्चे कम मध्याह्न भोजन खाते हैं. वर्ष 2022-23 के बजट में केंद्र सरकार ने 3405189 बच्चों के लिए राशि स्वीकृत की, जबकि प्रतिदिन औसतन 3030207 बच्चे ही मध्याह्न भोजन (एमडीएम) खाते हैं. ऐसे में प्रतिदिन स्वीकृत बजट के आधार पर लगभग चार लाख कम बच्चे एमडीएम खा रहे हैं. जो बच्चे मध्याह्न भोजन नहीं खा रहे हैं, उनके बारे में जानकारी ली जायेगी.
प्राधिकरण द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार, नामांकन के आधार पर राज्य में कुल 4384655 बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया जा सकता है. रिपोर्ट के अनुसार इनमें से बाल वाटिका में नामांकित 55014, कक्षा एक से पांच में 2228871 व कक्षा छह से आठ में 1121304 बच्चों के लिए राशि स्वीकृत है. मध्याह्न भोजन खानेवालों में बाल वाटिका के 28600, कक्षा एक से छह के 2048265 व कक्षा छह से आठ के 953342 बच्चे शामिल हैं. नामांकन की तुलना में 69 फीसदी, तो स्वीकृत बजट की तुलना में 89 फीसदी बच्चे मध्याह्ल भोजन खाते हैं.
अधिकतर जिलों में मध्याह्न भोजन खानेवाले बच्चों की संख्या 80 फीसदी : मध्याह्न भोजन खानेवाले बच्चों की संख्या चतरा में सबसे बेहतर है. चतरा में जितने बच्चों के लिए राशि स्वीकृत है, वैसे शत-प्रतिशत बच्चे मध्याह्न भोजन खाते हैं. रामगढ़ की स्थिति सबसे खराब है. रामगढ़ में 69 फीसदी बच्चे ही मध्याह्न भोजन खाते हैं. रामगढ़ को छोड़ कर सभी जिलों में मध्याह्न भोजन खानेवाले बच्चों की संख्या 80 फीसदी से अधिक है.
मध्याह्न भोजन नहीं खानेवालों में ऐसे बच्चे शामिल हो सकते हैं, जो सरकारी के अलावा निजी विद्यालय में भी नामांकित हैं. इसकी भी संभावना है कि बच्चे स्कूल तो आते हों, लेकिन मध्याह्न भोजन नहीं खाते हों. झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण द्वारा ऐसे बच्चों की जानकारी ली जा रही है.
जिला बच्चे
चतरा 100%
गुमला 95%
साहिबगंज 98%
सिमडेगा 89%
प सिंहभूम 93%
दुमका 96%
पू सिंहभम 96%
खूंटी 88%
जिला बच्चे
हजारीबाग 88%
रांची 89%
गोड्डा 90%
लातेहार 94%
पलामू 94%
सरायकेला 84%
बोकारो 87%
लोहरदगा 85%
जिला बच्चे
देवघर 87%
कोडरमा 88%
गढ़वा 83%
धनबाद 81%
गिरिडीह 84%
जामताड़ा 82%
पाकुड़ 84%
रामगढ़ 69%