सौ करोड़ रुपये के झारखंड मध्याह्न भोजन कोष घोटाले का मास्टरमाइंड संजय तिवारी अपने वाहनों के लिए फर्जी पंजीकरण संख्या का उपयोग कर रहा था. उसने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) का जाली पहचान पत्र भी बना रखा था. गत वर्ष इडी ने छापेमारी के दौरान इन वाहनों व आइडी कार्ड को जब्त कर लिया था.
ईडी के पदाधिकारियों ने रांची पुलिस को पत्र लिखकर संजय तिवारी के खिलाफ पांच एसयूवी के लिए फर्जी पंजीकरण संख्या का उपयोग करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कहा है. ईडी ने बताया है कि संजय तिवारी ने अपनी तस्वीर व किसी अन्य के नाम से एनएचएआइ का फर्जी पहचान पत्र बनाया था. उसके फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर और एनएचएआइ की आइडी का इस्तेमाल मनी लाउंड्रिंग के तहत करने का दावा किया है.
धनबाद के हीरापुर निवासी संजय तिवारी भानु कंस्ट्रक्शन कंपनी का मालिक है. वर्ष 2017 में एमडीएम के 100.14 करोड़ रुपये एसबीआइ की हटिया शाखा में भानु कंस्ट्रक्शन के खाते में हस्तांतरित होने का खुलासा हुआ था. एसबीआइ खाते से भानु कंस्ट्रक्शन को फंड के हस्तांतरण का खुलासा 19 सितंबर 2017 को राज्य निकाय ने हटिया शाखा को जिलों को धन जारी करने के निर्देश के बाद हुआ था. जुलाई 2017 में राज्य से मिड डे मील अथॉरिटी के एसबीआइ हटिया खाते में 100.014 करोड़ रुपये आये थे. पांच अगस्त को पूरी राशि भानु कंस्ट्रक्शन को ट्रांसफर कर दी गयी.