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मेकॉन के युवा इंजीनियर शुभम भकत ने सुवर्णरेखा नदी में कूदकर कर ली आत्महत्या, मछुआरों ने निकाला शव

मेकॉन के इंजीनियर शुभम भकत ने पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला में सुवर्णरेखा नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली. शुभम ने 24 अगस्त को नदी में छलांग लगायी थी. उसका शव 25 अगस्त को पांच किलोमीटर दूर बरामद हुआ.

पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला थाना क्षेत्र की सुवर्णरेखा नदी में मेकॉन के युवा इंजीनियर ने छलांग लगा दी थी. करीब 24 घंटे के बाद मछुआरों ने उसका शव नदी से बाहर निकाला. बताया जा रहा है कि युवक ने जिस जगह छलांग लगायी थी, उससे पांच किलोमीटर दूर उसका शव बरामद हुआ है. युवा इंजीनियर शुभम भकत (23) के शव की तलाश कल दिन भर की गयी. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम ने भी पांच घंटे तक शुभम भकत की तलाश की, लेकिन वह नहीं मिल पाया.

बृहस्पतिवार (24 अगस्त) की सुबह मुसाबनी के न्यू लाइन निवासी शुभम भकत (23) ने नदी में छलांग लगा दी थी. दिन भर उसकी तलाश की गयी, लेकिन शुभमन नहीं मिला. एनडीआरएफ की टीम भी उसे तलाशने में विफल रही. फिर कहा गया कि शुक्रवार (25 अगस्त) को भी युवक को नदी में ढूंढ़ने के लिए फिर से एनडीआरएफ की टीम को लगाया जायेगा. लेकिन, सुबह 6 बजे स्थानीय मछुआरों को उसका शव मिला. उन्होंने शव को निकाला और इसकी सूचना परिजनों की दो गयी. पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

दादा अनिल भकत (एचसीएल/आइसीसी के पूर्व कर्मचारी) ने बताया कि सुबह साढ़े पांच बजे शुभम घर से निकला था, लेकिन इसके बाद से घर नहीं आया. उसका फोन स्विच ऑफ मिला. मछुआरों ने बताया कि सुवर्णरेखा नदी में एक युवक को सुबह 6:00 बजे पुल से कूदते देखा गया है. शुभम के पिता दीपक भकत और मां पत्नी मंजू भकत मुसाबनी के न्यू लाइन निवासी हैं. शुभम अपने नाना के घर घाटशिला सरस्वती विद्या मंदिर आया था. दीपक इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान चलाते हैं.

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परिजनों ने कहा कि उनका लाल उनके सामने जब तक नहीं आ जाता, कुछ भी कहना मुश्किल है. शुभम मेकॉन में इंजीनियर था. 29 अगस्त को विशाखापत्तनम जाने के लिए उसने फ्लाइट की टिकट बुक करवा रखी थी. अभी कोई कुछ बताने की स्थिति में नहीं है. घाटशिला पुलिस भी लगातार केस की निगरानी कर रही थी.

सुवर्णरेखा नदी में दोनों तरफ जाली से घेराबंदी की मांग

इधर, उप प्रमुख गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि मानगो की तर्ज पर सुवर्णरेखा नदी के दोनों किनारे जाली से घेराबंदी की जाए. युवक के नदी में कूदने की जानकारी एसडीओ सत्यवीर रजक को मिली, तो उन्होंने इसकी जानकारी जिला के वरीय पदाधिकारी को दी. इसके बाद एनडीआरएफ की टीम कमांडेंट राहुल कुमार सिंह के नेतृत्व में घाटशिला पहुंची. उनके नेतृत्व में नौ सदस्यीय टीम नाव से नदी में युवक को खोजने के लिए उतरी, लेकिन पांच घंटे बाद भी टीम को सफलता नहीं मिली.

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