झारखंड के 566 विद्यार्थियों को अब भी नहीं मिला मेधा छात्रवृत्ति की राशि, जानें क्या है इसकी वजह
मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति परीक्षा का रिजल्ट दिसंबर 2022 में जारी किया गया था. रिजल्ट जारी होने के चार माह बाद भी 3100 विद्यार्थी को राशि ट्रांसफर हो पायी है.
झारखंड के 566 विद्यार्थियों को अब तक मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति की राशि नहीं मिली है. इनमें से अधिकतर वैसे विद्यार्थी हैं, जो परीक्षा पास करने के बाद अपना जाति प्रमाण पत्र जमा नहीं करा सके. झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा छात्रवृत्ति राशि ट्रांसफर करने के लिए जिलों से विद्यार्थियों की जानकारी मांगी थी. परीक्षा में सफल 3889 विद्यार्थियों में से 3323 विद्यार्थियों की जानकारी जिलों की ओर से दी गयी है.
जबकि 566 विद्यार्थियों की पूरी जानकारी नहीं दी गयी. जिलों द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, ऐसे अधिकतर विद्यार्थी आरक्षित वर्ग के हैं. विद्यार्थियों ने जाति प्रमाण पत्र जमा नहीं किया. इस कारण उन्हें राशि नहीं दी जा सकी. मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति परीक्षा का रिजल्ट दिसंबर 2022 में जारी किया गया था. रिजल्ट जारी होने के चार माह बाद भी 3100 विद्यार्थी को राशि ट्रांसफर हो पायी है.
जिन विद्यार्थियों की जानकारी दी गयी है उनमें भी 223 ऐसे विद्यार्थी हैं जिनकी जानकारी रिकार्ड के अनुरूप नहीं है. कुछ विद्यार्थियों का जहां बैंक खाता संख्या गलत है, तो कुछ का नाम आधार कार्ड के अनुरूप नहीं है. इस कारण इन विद्यार्थियों को भी राशि नहीं दी जा सकी है.
कोटिवार सफल विद्यार्थी
अनारक्षित वर्ग 2000
बीसी वन 400
बीसी टू 300
अनुसूचित जाति 405
अनुसूचित जनजाति 784
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है
मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति परीक्षा राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. इसके तहत चयनित विद्यार्थी को चार वर्ष तक लगातार प्रति वर्ष 12 हजार रुपये छात्रवृत्ति मिलती है. कक्षा आठ में पढ़नेवाले विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होते हैं. सफल विद्यार्थी को कक्षा नौवीं से 12वीं तक प्रति वर्ष 12 हजार रुपये दी जाती है.
पांच हजार में 1100 सीटें रह गयीं रिक्त
छात्रवृत्ति के लिए प्रतिवर्ष पांच हजार विद्यार्थी का चयन किया जाना है. योजना के तहत पहली परीक्षा पिछले वर्ष ली गयी थी. परीक्षा में 3889 विद्यार्थी ही सफल हो सके थे. जबकि 1111 सीट रिक्त रह गया. अनारक्षित वर्ग से लेकर आरक्षित कोटि के विद्यार्थियों की सीट रिक्त रह गयी थी.