रांची, बिपिन सिंह : झारखंड में वरिष्ठजनों के इलाज में मिल रही सुविधाओं का आकलन किया जायेगा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर सभी जिलों के सिविल सर्जन और मेडिकल कॉलेज हाॅस्पिटल के प्रमुखों को पत्र लिखकर तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है. इस रिपोर्ट में अस्पताल के अंदर 60 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों की चिकित्सा की क्या व्यवस्था है, उसकी पूरी जानकारी दी जायेगी. इस संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व में आदेश पारित कर नेशनल प्रोग्राम और हेल्थ केयर ऑफ एल्डरली योजना के तहत जिरियाट्रिक वार्ड और उनमें मिल रही सेवाओं की विशेष निगरानी करने को कहा है. पहले से उच्च चिकित्सा संस्थानों में ही जिरियाट्रिक वार्ड की व्यवस्था थी, लेकिन अब आम लोगों की सुविधा के लिए सरकार ने सभी बड़े अस्पतालों में यह पहल शुरू की है.
सदर अस्पताल में करीब 50 लाख रुपये की लागत से जिरियाट्रिक वार्ड का इस उद्देश्य से निर्माण कराया गया था ताकि यहां 60 वर्ष से अधिक उम्र के मरीजों के उपचार की विशेष व्यवस्था हो सके. अस्पताल के तीसरे तल्ले में 16 बेड को वरिष्ठ नागरिकों की बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए आरक्षित किया गया था. हालांकि, विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के चलते बुजुर्ग नागरिकों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है और वार्ड में कम उम्र के सामान्य मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है.
2019 में रिम्स के अंदर 30 बेड का जिरियाट्रिक वार्ड का निर्माण किया गया था. इसमें 15 पुरुष जबकि 15 बेड महिलाओं के लिए आरक्षित किये गये हैं. हालांकि, यहां भी उपचार की कामचलाऊ व्यवस्थाएं ही हैं.
राजधानी में 15 अगस्त 2016 को सीनियर सिटीजन होम का शिलान्यास किया गया था. लेकिन छह साल से ज्यादा वक्त गुजर जाने के बाद भी ओल्ड एज होम बस एक सपना ही साबित हुआ है.
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छाती के एक्सरे के लिए लिखा गया है. सांस में तकलीफ को लेकर कई तरह की जांच लिखी गयी है. बेहतर होता, वार्ड में भर्ती कर डॉक्टर समुचित इलाज करते.
-दिनेश्वर वर्मा, न्यू मधुकम
60 वर्ष से अधिक उम्र की अवस्था में होने वाली बीमारियों के इलाज की विशेष व्यवस्था होनी चाहिए. पर्ची कटाने से लेकर हर जगह परेशानी है. परिजन के भरोसे हूं. पैरों में काफी दर्द है.
-सीता देवी, कैलाश मंदिर, कुम्हारटोली पहाड़ी
दादी मां को नेत्र संबंधी विकार है, यहां काफी अव्यवस्था है. अच्छा रहता, यहां डॉक्टर बुजुर्गों को बढ़िया इलाज के साथ- साथ जीवन शैली में सुधार के उपाय भी बताते.
-शांति देवी, 75 साल, सामलौंग