झारखंड चिकित्सा सेवा से संबद्ध व्यक्तियों, चिकित्सा सेवा संस्थान (हिंसा एवं संपत्ति नुकसान निवारण) विधेयक 2023 की स्वीकृति दी गयी है. निर्णय लिया गया है कि चिकित्सा सेवा से सबंद्ध व्यक्तियों के विरुद्ध हिंसक कार्रवाई करने या संपत्ति को नुकसान पहुंचानेवाले लोगों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई होगी. ऐसे में अधिकतम दो वर्ष का कारावास व 50 हजार का जुर्माना लगाया जायेगा.
यह संज्ञेय अपराध होगा, उसका अनुसंधान डीएसपी स्तर के पदाधिकारी करेंगे. अपराध का विचारण सक्षम स्तर के न्यायालय के द्वारा होगा. निजी चिकित्सा सेवा संस्थान को नुकसान पहुंचाने पर क्षतिपूर्ति भुगतान का भी प्रावधान किया गया है. चिकित्सा एवं चिकित्सा सेवा संस्थाान द्वारा चिकित्सा नैतिकता का पालन करने और रोगी की चिकित्सा से संबंधित पूरी जानकारी देने का भी प्रावधान किया गया है.
Also Read: प्रभात खबर संवाद में मंत्री बन्ना गुप्ता बोले- झारखंड के किसी भी अनुबंधकर्मी को नहीं होने देंगे बेरोजगार
मरीज हित की बातें
-
डॉक्टर और अस्पतालों को ओपीडी और वार्ड में भर्ती मरीजों को दी जानेवाली चिकित्सा की संपूर्ण जानकारी लिखित रूप में मरीज और उसके परिजनों को देनी होगी.
-
अस्पताल के इलाज का खर्च या पैकेज (अनुमानित व्यय) की जानकारी सूचना पट्ट पर देना है
-
मरीज के इलाज में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग का पालन करना है. दुर्घटना के मरीजों के लिए अनिवार्य है
-
मृत व्यक्ति के शव को बिना रोके परिजनों को सौंपना है, जिससे वह अंतिम संस्कार सुनिश्चित करा पाये
अस्पतालों को क्या करना है
-
पंजीकृत डॉक्टर व नर्स को नियुक्त करना
-
इलाज में लापरवाही या गलत इलाज की दर्ज शिकायत की जांच उपायुक्त टीम गठित कर जांच करायेंगे.
-
इलाज में लापरवाही की रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर प्रस्तुत करनी होगी.
-
अस्पताल में सीसीटीवी कैमरा व संवेदनशील जगह पर सुरक्षा की तैनाती
-
चिकित्सा सेवा संस्थान की निगरानी के लिए नियंत्रण कक्ष बनाना
-
अस्पताल व क्लिनिक परिसर में प्रवेश को नियंत्रित और प्रतिबंधित करने की व्यवस्था
-
गर्भवती महिला का इलाज कराना और बच्चे के जन्म के पूर्व और जन्म के बाद देखभाल करना