रांची : देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस की जांच करने पहुंचे स्वस्थ्यकर्मियों पर हुए हमले और पथराव के बाद झारखंड की रांची राजधानी में भी ऐसी ही नौबत आ गयी थी. गुरुवार (2 अप्रैल, 200) की सुबह हिंदपीढ़ी में जब स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जांच करने के लिए पहुंची, तो इलाके के लोग उत्तेजित हो गये और हाथों में पत्थर उठा लिये.
हालांकि, पुलिस और प्रशासन ने समय रहते स्थिति को संभाल लिया और लोगों पथराव करने से रोक दिया. लोगों के गुस्से को देखते हुए मेडिकल टीम को वापस भेज दिया गया. 31 मार्च को हिंदपीढ़ी की एक मस्जिद में जमात में शामिल होने आयी मलयेशियाई मूल की एक महिला के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया था.
प्रदेश में मंगलवार को कोरोना वायरस का पहला पॉजिटिव केस सामने आया, तो प्रशासन में हड़कंप मच गया. बुधवार को आदेश दिया गया कि गुरुवार को हिंदपीढ़ी इलाके में स्वास्थ्यकर्मियों की 100 टीमों को भेजकर पूरे इलाके के लोगों की जांच करायी जाये, ताकि इस जानलेवा विषाणु से पीड़ित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर क्वारेंटाइन किया जा सके और उन्हें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जा सके.
इसके पहले, बुधवार को हिंदपीढ़ी इलाके के 90 लोगों को क्वारेंटाइन कर दिया गया था. हालांकि, जब मेडिकल की टीम वहां पहुंची, तो उन्हें लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. लोगों ने जांच कराने से साफ इन्कार कर दिया. पुलिस और प्रशासन ने अंजुमन के लोगों से बातचीत की और इसके बाद सदर अस्पताल से आयी आंगनबाड़ी सेविकाओं को वापस भेज दिया गया.
अंजुमन के लोगों ने कहा कि प्रशासन गुरुनानक अस्पताल में लोगों की जांच की व्यवस्था करे. टीम के किसी भी सदस्य को क्षेत्र के लोगों के घर में जाकर जांच करने की इजाजत नहीं दी जायेगी. यदि गुरुनानक अस्पताल में कैंप लगा दिया जाये, तो लोग वहां जाकर अपनी जांच कराने के लिए तैयार हैं. वहीं, रांची के उपायुक्त राय महिमापत रे ने कहा है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों से प्रशासन की वार्ता चल रही है. उम्मीद है कि लोग जांच के लिए तैयार हो जायेंगे.
इधर, सोशल मीडिया में खबरें चल रही हैं कि हिंदपीढ़ी के नाला रोड में लोगों की जांच करने पहुंचे स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला किया गया. हालांकि, हमले की पुष्टि नहीं हुई है. सिर्फ स्वास्थ्यकर्मियों के घर-घर जाकर जांच करने के विरोध की बात सामने आयी है. पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी भी हिंदपीढ़ी में मौजूद हैं और लोगों को समझाकर स्वास्थ्य जांच के लिए राजी करने की कोशिश कर रहे हैं.