High court news : सड़कों पर फेंका मिलता है मेडिकल कचरा, निदेशक प्रमुख का जवाब संतोषजनक नहीं : हाइकोर्ट
मामला अस्पतालों से निकलनेवाले बायो मेडिकल कचरे का निबटारा वैज्ञानिक तरीके से करने का. राज्य सरकार ने बताया कि 1633 अस्पताल व नर्सिंग होम में मेडिकल कचरे का हो रहा है निबटारा.
रांची.
झारखंड हाइकोर्ट ने नर्सिंग होम व अस्पतालों से निकलनेवाले बायो मेडिकल कचरे का निबटारा वैज्ञानिक तरीके से करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय व जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मामले की राज्य सरकार का शपथ पत्र देखने के बाद माैखिक रूप से कहा कि निदेशक प्रमुख का जवाब संतोषजनक नहीं लगता है. इस पर विश्वास करना कठिन प्रतीत हो रहा है.1633 नर्सिंग होम व अस्पतालों में है सुविधा
जवाब में निदेशक प्रमुख ने दावा किया है कि राज्य में 1633 नर्सिंग होम व अस्पताल हैं, जिनमें मेडिकल कचरे के निबटारे की सुविधा है. मेडिकल कचरे का निबटारा हो रहा है. बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट के साथ सभी 1633 नर्सिंग होम व अस्पताल का करार है, जिससे उनके मेडिकल वेस्ट का प्रतिदिन उठाव किया जाता है. खंडपीठ ने कहा कि राज्य में नर्सिंग होम के निकट सड़कों पर मेडिकल कचरा फेंका हुआ मिलता है. ऐसा प्रतीत होता है कि मेडिकल कचरे का निबटारा वैज्ञानिक तरीके से नहीं हो रहा है. रिम्स जैसे संस्थान में भी मेडिकल कचरा अस्पताल के कॉरिडोर में फेंका रहता है.
कोई सिस्टम विकसित किया गया है क्या
खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि नर्सिंग होम व अस्पतालों से निकलनेवाले मेडिकल कचरे के निबटारे को नियंत्रित करने का क्या कोई सिस्टम विकसित किया गया है? क्या सिविल सर्जन द्वारा जिले के अस्पतालों व नर्सिंग होम के मेडिकल कचरे के निबटारे का समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है या नहीं. खंडपीठ ने निदेशक प्रमुख को मामले की अगली सुनवाई के दाैरान मेडिकल कचरे के उठाव को लेकर नर्सिंग होम के साथ किये गये एग्रीमेंट के संबंध में दिये गये चार्ट के आलोक में जवाब देने का निर्देश दिया. साथ ही प्रार्थी व हस्तक्षेपकर्ता को शपथ पत्र के आलोक में जवाब देने को कहा.
मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को
मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता समावेश भंजदेव ने पैरवी की. वहीं, हस्तक्षेपकर्ता की ओर से बताया गया कि उन्होंने लोहरदगा में बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित कर लिया है, लेकिन कोई भी नर्सिंग होम मेडिकल कचरा के उठाव को लेकर संपर्क नहीं करता है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड ह्यूमन राइट्स काॅन्फ्रेंस की ओर से जनहित याचिका दायर की गयी है. प्रार्थी ने रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो के अस्पतालों व नर्सिंग होम से निकलनेवाले मेडिकल कचरे के उचित निबटारे की मांग की है.
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