झारखंड की पंचायतों में जल्द खुलेंगी दवा दुकानें, 543 आवेदन स्वीकृत
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की परिकल्पना आकार लेने लगी है. राज्य में पंचायत स्तर पर दवा दुकान खोलने के लिए काफी संख्या में आवेदन आने लगे हैं. पंचायत स्तर पर 543 दवा दुकानों की स्वीकृत मिल गयी है, वहीं 962 आवेदन प्रक्रियाधीन हैं. सबसे अधिक आवेदन देवघर से आये हैं.
Jharkhand News: झारखंड की पंचायतों में अब दवा दुकानें खुलेंगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की परिकल्पना अब साकार होने लगी है. सीएम ने राज्य के प्रत्येक जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्रामीणों को दवाइयां सुलभतापूर्वक उपलब्ध कराने के लिए सुदूर गांवों में कम-से-कम एक दवा दुकान की स्थापना का निर्देश दिया है. इसके तहत अबतक पूरे राज्य में दवा दुकान के लिए 543 आवेदन स्वीकृत हो चुके हैं.
राज्य की पंचायतों में दवा दुकान खोलने का निर्देश
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड एक आदिवासी बहुल राज्य है, जहां की अधिकांश जनसंख्या सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है. जिसे ससमय चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ जरूरी दवा की समय पर उपलब्धता जरूरी है. समय पर दवा उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में कई लोग गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं या असमय उनकी मृत्यु हो जाती है. इस स्थिति से निपटने के लिए राज्य की पंचायतों में दवा दुकन खोलने का निर्देश दिया है.
देवघर से सबसे अधिक आवेदन
ग्राम पंचायत स्तर पर दवा दुकान स्थापना के लिए अबतक कुल 1593 आवेदन पूरे राज्य से प्राप्त हुए हैं. इनमें से 543 आवेदनों को स्वीकृति मिल चुकी है, जबकि 962 आवेदन प्रक्रियाधीन हैं. सबसे अधिक देवघर से 233, गिरिडीह से 230, धनबाद से 212, रांची से 138, गोड्डा से 102, पलामू से 85 और हजारीबाग एवं बोकारो से 75-75 आवेदन प्राप्त हुए हैं. वहीं, पिछले दिनों चतरा में मुख्यमंत्री द्वारा तीन लोगों को स्वीकृति पत्र प्रदान करने के बाद यहा दवा दुकान शुरू हुई.
प्रक्रिया को बनाया गया सरल, आय का स्रोत वृद्धि करने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री के निर्देश पर दवा की बिक्री के लिए फार्मासिस्ट की उपस्थिति को अनिवार्य नहीं बनाया गया है. प्रपत्र 20ए एवं 21ए में दवा दुकान के लिए लाइसेंस निर्गत की जा रही है. जरूरत पड़ने पर खुदरा औषधि विक्रेता के माध्यम से सभी प्रकार की दवा ग्रामीणों को उपलब्ध करायी जा सकेगी. मुख्यमंत्री का लक्ष्य ग्रामीणों को ससमय दवा उपलब्ध कराना एवं शिक्षित ग्रामीणों को रोजगार एवं आय के स्रोत के साधन में वृद्धि करना है.
सरकार का मिल रहा सहयोग
मुख्यमंत्री के निर्देश पर लाइसेंस धारी द्वारा संबंधित पंचायत के ग्रामीणों को विभागीय हेल्पलाइन नंबर 104 के साथ समन्वय स्थापित करते हुए टेली- मेडिसिन एवं टेली-कंसल्टेंसी की सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी. कल्याण विभाग द्वारा मुख्यमंत्री रोजगार गारंटी कार्यक्रम के तहत लाइसेंस धारियों को अनुमान्य सहायता उपलब्ध करायी जाएंगी. संबंधित प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा इच्छुक एवं पात्र लाइसेंस धारियों को पारस्परिक समन्वय स्थापित करते हुए बैंक से ऋण दिलवाने में सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया है.