रांची : 1970 के दर्शक में छाेटी सी बात, रजनीगंधा, बातों बातों में, चितचोर, खट्टा-मीठा जैसी हिट फिल्म के निर्देशक बासु चटर्जी उर्फ बासु दा का गुरुवार को निधन हो गया़ 93 वर्ष के बासु दा लंबे समय से बीमार चल रहे थे. इन्होंने 70 से 80 के दशक में अपनी रोमांटिक और गुदगुदाहट भरी फिल्मों से लोगों का जमकर मनोरंजन किया. अमोल पालेकर और राकेश रौशन जैसे अभिनाता को बड़े पर्दे पर स्टार बनाया. बासु दा के चाहने वाले रांची में भी हैं. इतना ही नहीं बासु दा रांची कनेक्शन भी रहा है.
बचपन में शरारत भरी यादें उन्होंने एचइसी में स्थित मामा घर में बितायी थी. बासु दा के मामा एचइसी में कार्यरत थे. मेघनाथ ने जताया शोकबासु दा के निधन पर झारखंडी फिल्ममेकर मेघनाथ ने शोक व्यक्त किया है. साथ ही उनसे जुड़ी यादें साझा करते हुए बताया : मैं उनकी फिल्मों के चाहने वालों में से एक हूं.
बासु दा से मिलने का सौभाग्य राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2012 में मिला़ पुरस्कार के लिए तय ज्यूरी मेंबर में मैं शामिल था. जबकि बासु दा हेड ऑफ ज्यूरी थे. फिल्म पुरस्कार के लिए होने वाली चयन प्रक्रिया का काम 10-10 घंटे चलता था. ऐसे में मुलाकात हो जाती थी़ कई दिनों के प्रयास के बाद एक दिन बासु दा के साथ टेबल शेयर करने का मौका मिला. उस वक्त उनकी उम्र 87 वर्ष थी़ बावजूद वे खुलकर बातें साझा करते थे.
दर्शक की सोच और डिमांड पूरा करने पर हिट होती हैं फिल्में रांची दूरदर्शन की पूर्व सहायक निदेशक शर्मिष्ठा शांभवी ने बताया कि 20 साल पहले एक समारोह में शामिल होने बासु दा रांची आये थे़ उस समय में बीआइटी मेसरा के गेस्ट हाउस में रूके थे. उनका इंटरव्यू लेने का मौका मिला. उन्होंने फिल्म और निजी जीवन से जुड़ी बातें साझा की थी. बासु दा सहज और संवेदनशील व्यक्तित्व के थे. उन्होंने कहा था कि दर्शक की सोच और डिमांड को पूरा करने पर फिल्में हिट होती हैं.
Posted by : Pritish Sahay