रांची : निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी भूमिका निभाते है़ं सच को तथ्यों के साथ सामने लाते है़ं आज तक एक भी मामला गलत साबित नहीं हुआ है. कोई जेल जाये यह उद्देश्य नहीं होता, केवल सिस्टम के बदलाव में भूमिका निभाते है़ं सोमवार को श्री राय अपनी बहुचर्चित पुस्तक मेनहर्ट नियुक्ति घोटाला : लम्हों की खता के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे़ उन्होंने कहा कि यह पुस्तक तथ्यों व सरकारी फाइलों की टिप्पणी पर आधारित है़
इसमेें अपनी तरफ से कुछ भी नहीं जोड़ा है़ कोशिश है कि आनेवाले समय में यह शासन प्रणाली में परिवर्तन का आधार बने़ कुछ लोगों ने निहित स्वार्थों के गिरफ्त में आकर किस तरह से भ्रष्टाचार किया तथा विधायिका, कार्यपालिका व न्यायपालिका ने अपनी-अपनी जिम्मेवारी नहीं निभायी. इस पुस्तक में इसका उल्लेख किया गया है़
विधानसभा समिति के काम में लगाया अड़ंगा : श्री राय ने रांची में सिवरेज-ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए वर्ष 2005 से किये गये उपाय और उसमें बरती गयी अनियमितता के बारे विस्तार से बताया़ उन्होंने कहा कि विधानसभा क्रियान्वयन समिति के काम में अड़ंगा लगाया गया़ निगरानी ब्यूरो के तत्कालीन आइजी की टिप्पणी को नजरअंदाज किया गया़ उन्होंने कहा कि काम में गलतियां स्वाभाविक है, लेकिन कोई बताये तो उसे छुपाने के प्रयास से भ्रष्टाचार बढ़ता है तथा बाद में वही घोटाला बन जाता है़ मेनहर्ट के मामले में एक गलती छुपाने के लिए कई गलतियां की गयी़
मैं प्रतिस्पर्द्धा में यह सब नहीं करता : श्री राय ने कहा कि कुछ लोगों ने अफवाह फैलायी की मैं प्रतिस्पर्द्धा में यह सब करता हू़ं वर्ष 2019 में मुझे पार्टी से निकाला गया़ तत्कालीन मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ने की परिस्थिति बनी़ श्री राय ने कहा कि सिस्टम में बैठे लोग अपना दायित्व निभायें, मैं इसके लिए ही संघर्ष करता रहा हू़ं िवमोचन कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता बलराम, अधिवक्ता राजीव कुमार व धमेंद्र तिवारी ने भी अपने विचार रखे़
सवाल किया, तो हटाये गये एके सिंह : पुस्तक के विमोचनकर्ता पूर्व मुख्य सचिव एके सिंह ने बताया कि मेनहर्ट की संचिका जब उनके पास आयी, तो फाइल में मेनहर्ट के चयन से लेकर दूसरे मामले मेें उन्होंने कुछ कारण पूछे थे. पर इसके चार दिन बाद ही उसका उत्तर आने से पहले उन्हें हटा दिया गया. पूर्व मुख्य सचिव ने कहा कि सरयू राय मुद्दों की बात करते है़ं तथ्यों के साथ बात करना व अकेले संघर्ष करना इनका जीवन दर्शन है़ पूरी पुस्तक जन संवेदना जगाने वाली है़ निजी स्वार्थ व भ्रष्टाचार समस्या रही है, लेकिन इसके खिलाफ समाज को जागृत व मुखर करने की जरूरत है़
Post by : Pritish Sahay