सीआरपीएफ हवलदार आत्महत्या मामले में मानसिक प्रताड़ना का होगा केस
जांच पूरी होने के बाद दर्ज की जायेगी मामले में प्राथमिकी
रांची (वरीय संवाददाता). सीआरपीएफ 133 बटालियन के हवलदार बसंत कुमार (41 वर्ष) ने कीटनाशक दवा खाकर अपनी जान दे दी थी. इस संबंध में जगन्नाथपुर थाना प्रभारी हरदेव सिंह ने बताया कि मामले में डिप्टी कमांडेंट मृत्युंजय कुमार पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की धारा-306 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. मामले की जांच की जा रही है. जांच पूरी हो जाने के बाद प्राथमिकी दर्ज कर ली जायेगी. गौरतलब है कि अपने सुसाइड नोट में बसंत कुमार ने लिखा है कि डिप्टी कमांडेंट द्वारा पिछले एक माह से प्रताड़ित किये जाने के कारण तनाव में उन्होंने आत्महत्या की है. मरने के पहले अपने बयान में भी उन्होंने कहा था कि डिप्टी कमांडेंट की प्रताड़ना से तंग आकर उन्होंने कीटनाशक दवा खायी है. बसंत कुमार बिहार के वैशाली के धरधरा गांव के रहने वाले थे. पोस्टमार्टम के बाद रविवार को उनका शव उनके पैतृक आवास ले जाया गया. सोमवार को वैशाली के हाजीपुर के गंगा नदी के किनारे उनका अंतिम संस्कार किया गया. पुत्र ऋतु राज ने मुखाग्नि दी. जानकारी मिलने पर बिहार के मुजफ्फरपुर में पढ़ने वाली बंसत कुमार की बेटी वैशाली भी अपने पैतृक गांव पहुंची. बसंत कुमार के संबंधियों ने बताया कि अब उनके परिवार में कोई कमाने वाला नहीं रहा. पुत्र ऋतु राज भी काफी छोटा है.
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