सितार वादक गौरव मजूमदार ने राग नट भैरव पर किया मंत्रमुग्ध
स्पीक मैके के तत्वावधान में पंडित रविशंकर के शिष्य प्रख्यात सितारवादक गौरव मजूमदार के सितारवादन का.
रांची. जेवीएम श्यामली में बुधवार की सुबह शास्त्रीय संगीत के नाम रही. अवसर था स्पीक मैके के तत्वावधान में पंडित रविशंकर के शिष्य प्रख्यात सितारवादक गौरव मजूमदार के सितारवादन का. उनका साथ तबला वादक विनोद कुमार मिश्रा ने दिया. श्रोता या दर्शक जेवीएम श्यामली के छठी से लेकर 12वीं तक के छात्र और शिक्षक थे. सुबह का समय था और इसलिए राग नट भैरव की प्रस्तुति हुई. गौरव मजूमदार ने सितार पर शुरुआत आलाप से की, जो तकरीबन 10 मिनट तक चला. इसके बाद राग नट भैरव पर सितार और तबला की जुगलबंदी शुरू हुई, तो समय कैसे बीता इसका पता ही नहीं चला. फिर जब गौरव मजूमदार रुके तो चंद क्षणों की खामोशी के बाद काफी देर तक सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा. गौरव मजूमदार ने कहा कि 31 वर्षों तक लगातार परफॉर्म करने के बाद वापस स्कूल में लौटना अच्छा लग रहा है. संगीत एक आध्यात्मिक साधना है और यह इंसान के व्यक्तित्व को संपूर्णता प्रदान करता है. छात्र अगर चाहे, तो संगीत को अपनी पढ़ाई के साथ लेकर चल सकते हैं. समय प्रबंधन बेहतर हो, तो कोई परेशानी नहीं है. यह लगातार सीखते रहनेवाली चीज है और जितना आप सीखेंगे उतना ही बेहतर होंगे. इससे पूर्व स्कूल के प्राचार्य समरजीत जाना ने कहा कि शास्त्रीय संगीत अच्छा और संवेदनशील इंसान बनने में मदद करता है. कार्यक्रम में स्पीक मैके के रणधीर शर्मा, शिवेंद्र मोहन शर्मा आदि उपस्थित थे.
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