झारखंड के मनरेगा मजदूर पलायन करने को हुए विवश, सरकारी योजनाओं पर पड़ रहा बुरा असर, जानें क्या है वजह
मनरेगा कर्मियों ने बताया कि मजदूरों ने काम तो किया, पर उनके चार माह का पैसा नहीं मिला है. दिसंबर 2021 का पैसा पहले से पेंडिंग था. इसके बाद जनवरी, फरवरी और मार्च 2022 का भी पैसा नहीं दिया गया.
मनरेगा की योजनाओं में काम करनेवाले मजदूरों की संख्या घट गयी है. पहले जहां आठ लाख मजदूर प्रतिदिन काम कर रहे थे, अब वह घटकर 3.5 लाख तक में सिमट गये हैं. पहले जहां मजदूरों की संख्या कम हुई भी थी, तो कम से कम पांच से छह लाख मजदूर काम कर रहे थे. इस तरह मनरेगा में मानव दिवस सृजन की संख्या घट गयी है. इसका असर योजनाओं के साथ ही रोजगार पर भी पड़ रहा है. योजनाओं का क्रियान्वयन धीमा हो गया है. वहीं बड़ी संख्या में मजदूर दूसरे कार्यों में लग रहे हैं. यहां तक कि ग्रामीण मजदूरों का पलायन भी हुआ है.
चार माह से नहीं हुआ मजदूरी भुगतान :
मनरेगा कर्मियों ने बताया कि मजदूरों ने काम तो किया, पर उनके चार माह का पैसा नहीं मिला है. दिसंबर 2021 का पैसा पहले से पेंडिंग था. इसके बाद जनवरी, फरवरी और मार्च 2022 का भी पैसा नहीं दिया गया. पैसा के लिए कई बार मुख्यालय से संपर्क किया गया, लेकिन भारत सरकार से पैसा नहीं मिलने की बात कह कर हमेशा टाल दिया गया. वहीं मजदूर लगातार मनरेगाकर्मियों पर मजदूरी भुगतान के लिए दबाव डालते रहे.
दूसरे कार्यों के लिए जा रहे मजदूर :
मनरेगाकर्मियों ने बताया कि बकाया भुगतान नहीं मिलने से ही मजदूर मनरेगा का काम छोड़ कर दूसरे कार्यों में जा रहे हैं. पहले वह अपने गांव में ही मनरेगा का काम कर रहे थे, लेकिन अब कहने के बाद भी वह इस काम में नहीं आ रहे हैं. परिवार के साथ बाजार में काम करने जा रहे हैं.
घर चलाना हो रहा था मुश्किल :
मनरेगाकर्मियों को पैसा नहीं मिला था. इस कारण उन्हें घर चलाना मुश्किल हो रहा था. हर दिन कमाने-खानेवाले इन लोगों के समक्ष आर्थिक समस्या पैदा हो गयी थी. ऐसे में मजबूरीवश उन्हें दूसरे कार्यों का सहारा लेना पड़ा, ताकि काम का दाम तुरंत मिल जाये.
मनरेगा शिकायतों की जांच में अनियमितताएं
मनरेगा की विभिन्न योजनाओं में बड़ी संख्या में शिकायतें मिली थीं. इनकी जांच कराने पर बड़ी गड़बड़ियां उजागर हुई हैं. अधिकतर वित्तीय गड़बड़ी के मामले हैं. करीब 28 हजार मामले अनियमितता के हैं. इनमें रिश्वत लेने से संबंधित मामले भी हैं. इन मामलों की जांच कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है. अब इसमें कार्रवाई होगी. विभागीय अधिकारियों ने बताया कि मामलों में बीडीओ, बीपीओ, मनरेगाकर्मी सहित अन्य की संलिप्तता पायी गयी है. इन पर भी कार्रवाई की जायेगी.