झारखंड में मध्याह्न भोजन बनाने वाली रसोइयों के लिए खुशखबरी, जगरनाथ महतो ने मानी मांग
सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनानेवाली रसोइयों को अब वर्ष में दस के बदले 12 माह का मानदेय मिलेगा. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने उक्त बातें बुधवार को अपने आवास पर रसोइया संघ के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद कही.
Jharkhand News: झारखंड के सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनानेवाली रसोइयों को अब वर्ष में दस के बदले 12 माह का मानदेय मिलेगा. इसके अलावा रसोइया अब 60 वर्ष की उम्र तक काम कर सकेंगी. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने बुधवार को इन मांगों पर सहमति दे दी. राज्य में लगभग 80 हजार रसोइया कार्यरत हैं. रसोइयों के लिए सेवा शर्त नियमावली भी बनायी जायेगी.
इसकी प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. शिक्षा मंत्री ने उक्त बातें बुधवार को अपने आवास पर रसोइया संघ के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद कही. संघ का प्रतिनिधिमंडल विधायक सुदिव्य कुमार सोनू के नेतृत्व में शिक्षा मंत्री से मिला. संघ की मांगों को लेकर हुई वार्ता के बाद शिक्षा मंत्री ने उक्त बातें कही.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मध्याह्न भोजन योजना का संचालन केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है, ऐसे में रसोइयों का मानदेय वृद्धि का प्रस्ताव केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को भेजा गया था. लेकिन केंद्र की ओर से कोई जवाब नहीं आया. इसके बाद भी राज्य की ओर से मानदेय में वृद्धि की गयी है. वर्तमान में रसोइयाें को दो हजार रुपये मानदेय मिलता है. अगले शैक्षणिक सत्र से रसोइयों को साल में दो सेट पोशाक दी जायेगी.
स्कूल, कॉलेजों की मान्यता के लिए मांगी विद्यार्थियों की जानकारी : राज्य के 47 हाइस्कूल व इंटर कॉलेज को स्थायी मान्यता दी जायेगी. इसके लिए 23 दिसंबर को कमेटी की बैठक होगी. विभाग द्वारा स्कूल, कॉलेजों के संबंध में जानकारी मांग गयी है. हाइस्कूल में कक्षा नौवीं व 10वीं में नामांकित विद्यार्थी व इंटर कॉलेज में 11वीं में नामांकित विद्यार्थियों की संख्या के बारे में जानकारी देने को कहा गया है. इस संबंध में संबंधित जिला के जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखा गया है. इनमें बोकारो, पलामू, हजारीबाग, रांची, चतरा, धनबाद, गिरिडीह, गुमला, पाकुड़, रामगढ़ व पूर्वी सिंहभूम के स्कूल व कॉलेज शामिल है.
बालिका विद्यालय में शिक्षक नियुक्ति के लिए बनेगी नियमावली : इंदिरा गांधी बालिका विद्यालय हजारीबाग में शिक्षक नियुक्ति के लिए नियमावली बनायी जायेगी. शिक्षा विभाग के स्तर पर इसकी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. नियमावली नहीं होने से विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पा रही थी.
कल्याण कोष भी बनेगा पांच लाख तक का बीमा
रसोइयों के लिए भी पारा शिक्षकों की तरह कल्याण कोष का गठन किया जायेगा. इनके लिए दिन के खाना की भी व्यवस्था की जायेगी. इसके लिए अनाज उपलब्ध कराया जायेगा. रसोइयों का पांच लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कराया जायेगा.
शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए मांगी जानकारी
प्राथमिक से लेकर प्लस टू विद्यालय के शिक्षकों के स्थानांतरण प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. इसके लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा पोर्टल तैयार किया जा रहा है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा इस संबंध में सभी जिलों से जानकारी मांगी गयी है.
जिलों से विद्यालय में शिक्षकों के स्वीकृत पद, कार्यरत, रिक्त व छात्र-शिक्षक अनुपात में शिक्षकों का पदस्थापन, अगर शिक्षक अधिक हो, तो इसकी जानकारी देने को कहा गया है. सभी जिलों को 16 दिसंबर तक जानकारी देने को कहा गया है. इसके बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जायेगी.