रांची : राज्य के कुपोषण प्रभावित 12 जिला के बच्चों को चना-गुड़ के लिए राशि जल्द दी जायेगी. झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है. केंद्र सरकार ने भी पूर्व में आवंटित राशि में से 17 करोड़ रुपये खर्च करने की अनुमति दे दी है. प्रति बच्चे को एक दिन चना गुड़ खाने के लिए 3.35 रुपये दिये जायेंगे. इस हिसाब से 42 दिन के लिए एक बच्चे के बैंक खाते में लगभग 140 रुपये ट्रांसफर किये जायेंगे.
प्रथम चरण में 25 दिनों के लिए पैसे दिये जायेंगे. शेष 17 दिनों के लिए राशि 31 दिसंबर के बाद बच्चों के खाते में ट्रांसफर की जायेगी. बच्चों को चना-गुड़ देने की स्वीकृति केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में दी है.
आठवीं तक के बच्चों को मिलेगी राशि : सरकारी स्कूल के कक्षा एक से आठवीं के बच्चों को इसका लाभ मिलेगा. योजना के अनुरूप बच्चों को विद्यालय में ही चना-गुड़ देने का प्रस्ताव था.लेकिन विद्यालय बंद होने के कारण अब इसकी राशि खाते में ट्रांसफर की जायेगी. राज्य सरकार की ओर से प्रति बच्चा चार रुपये देने की मांग की गयी थी, पर केंद्र की ओर से 3.35 रुपये देने की सहमति दी गयी.
इन जिलों के बच्चों को दी जायेगी राशि : चना-गुड़ देने पर खर्च होनेवाली राशि का 60 फ़ीसदी केंद्र सरकार व 40 फ़ीसदी राज्य सरकार देगी. जिन जिलों के बच्चों को राशि दी जायेगी उनमें दुमका, पाकुड़, गोड्डा, खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा, धनबाद, गिरिडीह, चतरा, कोडरमा, लातेहार व पश्चिमी सिंहभूम शामिल है.
रांची. सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले लगभग 30 लाख बच्चों को 31 दिसंबर तक के मध्याह्न भोजन का चावल व कुकिंग काॅस्ट की राशि दी जायेगी. झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है. बच्चों को पूर्व में 30 सितंबर तक के चावल व कुकिंग कास्ट की राशि दी गयी थी.
विद्यालय बंद होने के कारण बच्चों को शिक्षक द्वारा घर जाकर चावल पहुंचाया जाता है एवं कुकिंग काॅस्ट की राशि उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है. वर्ष 2020-21 में बच्चों को कुल 275 दिन मध्याह्न भोजन दिया जाना है. जिसमें 30 सितंबर तक 147 दिनों के मध्याह्न भोजन का चावल व कुकिंग काॅस्ट की राशि दी जा चुकी है. इस वर्ष गर्मी छुट्टी में भी 22 दिन बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया गया.
posted by : sameer oraon