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100 करोड़ मिड डे मील घोटाले का मास्टरमाइंड के खिलाफ केस दर्ज, ED के हाथ लगी अहम जानकारी

संजय तिवारी फर्जी नंबर प्लेट का इस्तेमाल मासिक इंस्टॉलमेंट (किश्त) देने से बचने के लिए करता था. साथ ही वह फर्जी नंबर प्लेट का इस्तेमाल कर वित्तीय संस्थानों द्वारा वाहनों को जब्त होने से बचाना चाहता था.

प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की शिकायत पर 100 करोड़ रुपये के झारखंड मध्याह्न भोजन कोष घोटाला के मास्टरमाइंड संजय तिवारी के खिलाफ पांच वाहनों में फर्जी नंबर के इस्तेमाल मामले में मंगलवार को अरगोड़ा थाना में केस दर्ज कर लिया गया है. जब्त वाहनों की जांच के दौरान इडी को जानकारी मिली कि संजय ने सभी वाहन वित्तीय संस्था या बैंक से लोन पर लिया था.

वह फर्जी नंबर प्लेट का इस्तेमाल मासिक इंस्टॉलमेंट (किश्त) देने से बचने के लिए करता था. साथ ही वह फर्जी नंबर प्लेट का इस्तेमाल कर वित्तीय संस्थानों द्वारा वाहनों को जब्त होने से बचाना चाहता था. इडी के अधिकारियों ने रांची पुलिस को बताया था कि संजय तिवारी जिन पांच एसयूवी वाहनों का उपयोग करता था, उसका निबंधन दूसरे के नाम पर है. जबकि, वाहनों का मूल नंबर दूसरा है.

वह फर्जी नंबर प्लेट लगाकर वाहनों का उपयोग करता था. इडी ने कहा कि गत वर्ष छापामारी के दौरान इन वाहनों को जब्त किया गया था, जिसमें उक्त फर्जी आइडी कार्ड मिला था. इसके अलावा एनएचएआइ का जाली पहचान पत्र भी बना कर रखा था. इन वाहनों का प्रयोग संजय तिवारी ने घटना को अंजाम देने के दौरान किया था. 23 नवंबर 2021 को संजय तिवारी को गिरफ्तार किया गया था.

उसके अरगोड़ा थाना क्षेत्र स्थित वसुंधरा एनक्लेव के फ्लैट में इडी ने सर्च भी किया था. इस दौरान उसकी संपत्ति से संबंधित कई दस्तावेज बरामद किये गये थे. साथ ही एनएचएआइ का जाली पहचान पत्र भी मिला था. धनबाद के हीरापुर निवासी संजय तिवारी भानु कंस्ट्रकशन कंपनी का मालिक है. वर्ष 2017 में उसने एमडीएम का 100.14 करोड़ रुपये एसबीआइ हटिया शाखा से भानु कंस्ट्रक्शन के खाते में ट्रांसफर होने का खुलासा किया था. प्रभात खबर ने ही इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

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