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प्रवासी धैर्य रखें, अधिक संख्या में ट्रेनों के परिचालन का हो रहा प्रयास : हेमंत सोरेन

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार लॉकडाउन में फंसे झारखंड के प्रवासी लोगों को राज्य वापस लाने के लिए अधिक संख्या में ट्रेनों का परिचालन सुनिश्चित कराने के लिए प्रयासरत है और प्रवासियों को थोड़ा धीरज से काम लेना होगा, सभी को घर वापस लाया जायेगा.

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार लॉकडाउन में फंसे झारखंड के प्रवासी लोगों को राज्य वापस लाने के लिए अधिक संख्या में ट्रेनों का परिचालन सुनिश्चित कराने के लिए प्रयासरत है और प्रवासियों को थोड़ा धीरज से काम लेना होगा, सभी को घर वापस लाया जायेगा.

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मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘राज्य सरकार प्रवासियों को आश्वस्त करना चाहती है कि कुछ समय लगेगा लेकिन सभी को उनके घर अवश्य वापस लाया जायेगा. आपदा में सभी ने धीरज रखा, थोड़ा और धैर्य रखें.’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘झारखंड सरकार अन्य राज्य की सरकारों से बात कर अधिक संख्या में ट्रेनों के परिचालन के लिए प्रयासरत है. बस सभी को थोड़ा धीरज रखने की आवश्यकता है.’

इस बीच एक सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि राज्य सरकार ने विशेष कर पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश से राज्य के प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए प्रत्येक जिलेवार नोडल अधिकारी नियुक्त किये हैं. इसमें कहा गया कि सभी लोगों को झारखंड में उनके गंतव्य तक पहुंचाया जायेगा. झारखंड सरकार नजदीकी राज्यों में फंसे प्रवासी झारखंडवासियों को बसों के माध्यम से भी वापस ला रही है.

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मैंगलोर रेलवे स्टेशन पर उमड़े सैकड़ों प्रवासी, घर भेजने की कर रहे थे मांग

सैकड़ों प्रवासी मजदूर शुक्रवार को मैंगलोर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर उमड़ पड़े और उन्होंने तत्काल अपने-अपने राज्य भेजे जाने की मांग की. वे यह जानकर रेलवे स्टेशन पर उमड़ पड़े कि कर्नाटक सरकार उन्हें गृह राज्य भेजने के लिए विशेष ट्रेनें चलायेगी. इनमें से ज्यादातर मजदूर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के हैं. मजदूर स्टेशन पर डटे रहे और पुलिस की अपील के बावजूद उन्होंने वहां से जाने से इनकार कर दिया.

पुलिस ने प्रवासी मजदूरों के हवाले से कहा कि वे बिना नौकरी, पैसा और पर्याप्त भोजन के शहर में फंसे हुए हैं. अगर फौरन विशेष ट्रेनें नहीं चलायी गयी तो वे पैदल ही अपने गृह राज्य जाना चाहते हैं. कर्नाटक सरकार ने मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए आठ मई से विशेष ट्रेनें चलाने का गुरुवार को फैसला किया था और इसके लिए नौ राज्यों से मंजूरी मांगी थी.

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