झारखंड से बाहर काम कर रहे हैं 1.66 लाख निबंधित प्रवासी मजदूर

श्रमिकों से अपील भी की गयी कि वे निबंधन करा कर दूसरे राज्यों में काम के लिए जायें, ताकि सरकार के पास श्रमिकों का डाटा रहेगा. आपात स्थिति में सरकार तत्काल मदद मुहैया करा सकती है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 25, 2023 2:09 PM

सुनील चौधरी, रांची :

कोरोना काल में वर्ष 2020-21 में विभिन्न राज्यों में काम करनेवाले श्रमिक झारखंड लौटने लगे थे. सरकार ने उनके लिए ट्रेन, बस, हवाई जहाज तक की व्यवस्था की थी. उस समय करीब 8.5 लाख श्रमिक राज्य में लौटे थे. तब राज्य सरकार ने तय किया था कि अब से जो भी श्रमिक राज्य के बाहर जायेंगे, वह प्रवासी श्रमिक के रूप में निबंधन करायेंगे. साथ ही अन्य सभी प्रकार के श्रमिक भी जो राज्य में ही रहते हैं, वह भी निबंधन करायेंगे. इसके लिए इ-श्रम निबंधन पोर्टल लाया गया. जिसमें अब तक 90.95 लाख श्रमिकों ने निबंधन ने कराया है. राज्य सरकार ने वापस लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए निबंधन की व्यवस्था की.

श्रमिकों से अपील भी की गयी कि वे निबंधन करा कर दूसरे राज्यों में काम के लिए जायें, ताकि सरकार के पास श्रमिकों का डाटा रहेगा. आपात स्थिति में सरकार तत्काल मदद मुहैया करा सकती है. इसके लिए माइग्रेंट वर्कर एक्ट भी सरकार ने लाया. श्रमिकों के निबंधन के लिए श्रमाधान पोर्टल पर ऑनलाइन निबंधन की व्यवस्था की गयी थी. जिसमें 24 नवंबर तक कुल एक लाख 66 हजार 425 श्रमिकों ने ही प्रवासी श्रमिक के रूप में निबंधन कराया है. हालांकि प्रवासी श्रमिक कंट्रोल रूम का अनुमान है कि इससे ज्यादा श्रमिक बाहर काम कर रहे हैं पर निबंधन नहीं कराये हैं.

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निबंधन कराने से सरकार दे रही है कई लाभ

सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए जो एक्ट बनाया है उसके अनुसार किसी ठेकेदार के माध्यम से दूसरे राज्य में काम करने के लिए जाने वाले मजदूरों को उसी दिन से मजदूरी देय है, जिस दिन से काम पर ले जाने हेतु समझौता या मौखिक सहमति हुई हो. प्रवासी मजदूरों को विस्थापन भत्ता भी ठेकेदार द्वारा दिया जाना है. आने-जाने का किराया भी देना है. निबंधन के लिए श्रमाधान पोर्टल या प्रवासी झारखंड ऐप में कराया जा सकता है. अथवा किसी भी प्रज्ञा केंद्र या साइबर कैफे जाकर मजदूर अपना आधार नंबर, मोबाइल नंबर और बैंक खाते का विवरण एवं अन्य जानकारी भरकर निबंधन करा सकते हैं. इसमें परिवार की भी जानकारी देनी है.

निबंधन करानेवाले श्रमिकों की मृत्यु या दुर्घटना में घायल होने पर आश्रितों को दो लाख रुपये देने का प्रावधान है. वहीं बगैर निबंधन वाले मजदूरों को डेढ़ लाख रुपये देने का प्रावधान है. दुर्घटना में एक अंग या एक आंख की हानि होने पर एक लाख रुपये देने का प्रावधान है. वहीं मौत होने पर मजदूर के शव व उसके परिवार को पैतृक आवास तक पहुंचाने का संपूर्ण व्यय राज्य सरकार वहन करती है.

उत्तराखंड में सरकार ने भेज दी टीम

उत्तराखंड में हुए टनल हादसे की सूचना के तुरंत बाद ही राज्य सरकार ने एक टीम वहां भेज दी. आज भी टीम के लोग वहां कैंप किये हुए हैं.

आपकी सरकार आपके द्वार अभियान में भी निबंधन की व्यवस्था

राज्य सरकार ने 24 नवंबर से आपकी सरकार, आपके द्वारा अभियान की शुरुआत कर दी है. पंचायतों में भी शिविर लगाये जा रहे हैं. यहां भी प्रवासी श्रमिक निबंधन करा सकते हैं.

इन राज्यों में ज्यादा काम कर रहे हैं श्रमिक

बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, केरल, तमिलनाडु, अंडमान-निकोबार, लद्दाख, लक्षद्वीप, ओड़िशा, पंजाब, हरियाणा, यूपी, तेलंगाना,पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों में भी श्रमिक काम कर रहे हैं.

किस जिला से कितने प्रवासी श्रमिकों ने कराया निबंधन

जिला-संख्या

जामताड़ा-115

खूंटी-996

दुमका-11637

लातेहार-2784

गुमला-11528

पूर्वी सिंहभूम-1660

सिमडेगा-5565

साहिबगंज-11493

रांची-1614

रामगढ़-1280

देवघर-1514

सरायेकला-खरसावां-729

बोकारो-8210

चतरा-1271

गोड्डा-12485

पश्चिमी सिंहभूम-11721

हजारीबाग-8575

गढ़वा-6667

पाकुड़-12499

गिरिडीह-17806

लोहरदगा-664

पलामू-7210

धनबाद-2496

कोडरमा-605

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