रांची : लॉकडाउन में अपने प्रवासी मजदूर कष्ट झेल रहे हैं. राजस्थान, चंडीगढ़, कर्नाटक और तमिलनाडु में फंसे प्रवासी मजदूरों के सामने उस समय विकट स्थिति हो गयी, जब उनके मकान मालिकों ने ही घर से निकाल दिया. आर्थिक तंगी के कारण मजदूर मकान का भाड़ा देने में असमर्थ थे. मकान मालिक ने जब मकान खाली करने का फरमान सुनाया, तो इन लोगों ने पैदल ही झारखंड आने की ठान ली. मजदूरों ने इसकी शिकायत राज्य के कंट्रोल रूम में भी की. इसके बाद झारखंड सरकार सक्रिय हुई.
मजदूरों को घर से निकाले जाने की सूचना के बाद कंट्रोल रूम के अधिकारियों ने मजदूरों से मालिकों का नंबर लेकर उनसे बातचीत शुरू की. इस कोशिश में अब तक अजमेर और राजस्थान के कुछ मकान मालिकों ने मजदूरों को वापस अपने घर बुला लिया है. तमिलनाडु से झारखंड के लिए पैदल ही निकले कुछ मजदूरों को रास्ते में रोकने की कोशिश की जा रही है.
कंट्रोल रूम की कोशिशों से उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर पहुंचे कुछ मजदूरों को शेल्टर होम में जगह मिली है. इधर, कुछ मजदूरों के पैदल ही चित्तूर पहुंचने की सूचना कंट्रोल रूम को मिली है. इन मजदूरों को भी शेल्टर होम में जगह दिलाने के लिए आंध्र प्रदेश के कंट्रोल रूम से बातचीत की जा रही है. सबसे ज्यादा झारखंडी मजदूर गुजरात में फंसे हैं. यहां फंसे मजदूरों की संख्या 2.12 लाख है. महाराष्ट्र में 1.89 लाख और तमिलनाडु में 82.12 हजार मजदूर फंसे हैं.
मुंबई में आइआइटी के छात्र भी कर रहे बस की व्यवस्थाझारखंड निवासी आइआइटी मुंबई के कुछ छात्र भी घर पहुंचने के लिए बसों की व्यवस्था करने में लगे हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों की संख्या बढ़ कर अब 10.38 लाख हो गयी है. इनमें से अब तक 7.22 लाख मजदूरों ने घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है.
घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन का ब्योरा
राज्य……………. मजदूर
अंडमान निकोबार……….659
चंडीगढ़………. 680
दादर नगर हवेली……….3,087
दमन और दीव……….2,733
दिल्ली……… .48,880
पुडुचेरी……….894
अरुणाचल ……….25,745
असम……….2,079
आंध्र प्रदेश……….25,745
उत्तर प्रदेश……….28,034
ओड़िशा……….20,130
कर्नाटक……….58,312
केरल……….16,789
गुजरात……….96,198
गोवा……….8,484
छत्तीसगढ़………. 6,545
जम्मू-कश्मीर……….2,414
तेलंगाना……….40,378
त्रिपुरा……….834
नगालैंड……….148
पंजाब……….9,610
राज्य……………. मजदूर
पश्चिम बंगाल……….21,838
बिहार……….15,442
मणिपुर……….249
मध्य प्रदेश……….8,664
महाराष्ट्र……….1,41,121
मिजोरम……….1,624
मेघालय……….261
राजस्थान……….15,636
सिक्किम……….220
हरियाणा……….28,585
हिमाचल……….5,918
लक्षद्वीप……….02
लद्दाख……….28