प्रवासियों को चाहिए काम, सरकार कर रही इंतजाम

पलामू के चैनपुर का रवि महाराष्ट्र में टेक्सटाइल इंडस्ट्री में काम करता था. कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान वह झारखंड लौट आया. उसे लौटे दो महीने हो गये, लेकिन अब तक उसे यहां कोई काम नहीं मिला है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 25, 2020 5:25 AM

रांची : पलामू के चैनपुर का रवि महाराष्ट्र में टेक्सटाइल इंडस्ट्री में काम करता था. कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान वह झारखंड लौट आया. उसे लौटे दो महीने हो गये, लेकिन अब तक उसे यहां कोई काम नहीं मिला है. जो पूंजी थी, वह भी खत्म हो गयी. इसलिए वह झारखंड सरकार के श्रम विभाग द्वारा ‘फिया फाउंडेशन’ की मदद से संचालित टोल फ्री नंबर पर रोजगार मांग रहा है. उसके जैसे ही हजारों प्रवासी श्रमिक यहां फोन कर रहे हैं. इधर, सरकार भी इन श्रमिकों को उनकी कुशलता के अनुरूप रोजगार दिलाने की जुगत में लगी हुई है.

फिया फाउंडेशन के राज्य समन्वयक जॉनसन ने बताया कि लॉकडाउन के बाद दूसरे राज्यों में रहनेवाले करीब 10 लाख लोग झारखंड आये. नेपाल हाउस में संचालित 10 टोल फ्री नंबर पर रोजाना प्रवासी मजदूरों और कामगारों के करीब 350 कॉल आते हैं. यहां कॉल अटेंड करने के लिए 40 लोग लगाये गये हैं. यहां फोन करनेवाले 70 फीसदी लोग अपनी क्षमता के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराने की मांग करते हैं.

सभी कॉल करनेवालों के नाम, पता, स्किल का डाटा बेस तैयार किया जा रहा है. अच्छी बात यह है कि कई कंपनियों ने मैन पावर के लिए फाउंडेशन से संपर्क करना शुरू कर दिया है. इसमें कई टेक्सटाइल कंपनियां भी शामिल हैं. जल्द ही इन कंपनियों के साथ एमओयू कर मैनपावर सप्लाई की दिशा में भी बात होगी.

10 टोल फ्री नंबर िकये गये हैं जारी

65 से 70 फीसदी कॉल काम मांगनेवालों के आ रहे

40 लोग कॉल अटेंड करने के लिए लगे हुए हैं

Post By: Pritish Sahay

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