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लेह-लद्दाख में भी खोले जाएं प्रवासन सहायता केंद्र, जून के बाद झारखंड के 20 हजार युवाओं को देंगे रोजगार, बोले श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता

झारखंड के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने मंगलवार को रांची में कहा कि लेह-लद्दाख में भी प्रवासन सहायता केंद्र खोले जाएं. जून के बाद 20 हजार युवाओं को रोजगार देने की योजना है.

By Guru Swarup Mishra | March 12, 2024 7:29 PM

रांची: झारखंड के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि देश के 8 शहरों की तरह लेह-लद्दाख में भी प्रवासन सहायता केंद्र स्थापित किए जाएं, क्योंकि झारखंड के प्रवासी मजदूर काफी संख्या में रोजगार के लिए वहां जाते हैं. इस साल जून महीने के बाद 20,000 युवक-युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराने की सरकार की योजना है. सुदूर गांव और क्षेत्र में रहने वाले सभी युवाओं के लिए परिस्थितियां ऐसी नहीं होतीं कि वे जिला हेडक्वार्टर आकर प्रशिक्षण प्राप्त करें. इसलिए राज्य के सभी 264 प्रखंडों में प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार से जोड़ने की योजना है. प्रवासन सहायता केंद्रों के उद्घाटन कार्यक्रम को वे मंगलवार को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने ऑनलाइन जुड़कर प्रवासन सहायता केंद्र में रह रही प्रवासी युवतियों से बातचीत की और अधिकारियों से जानकारी ली.

प्रवासन सहायता केंद्रों का ऑनलाइन उद्धाटन
झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाईटी (श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग) के अंतर्गत संचालित ‘मुख्यमंत्री सारथी योजना’ के तहत देश के विभिन्न शहरों में स्थापित किए गए प्रवासन सहायता केंद्रों का ऑनलाइन उद्धाटन मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने किया. कार्यक्रम का शुभारंभ द्वीप प्रज्जवलन के साथ किया गया. मौके पर श्रम विभाग के सचिव मुकेश कुमार, उद्योग सचिव प्रवीण कुमार टोप्पो एवं श्रम आयुक्त सह झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी के मिशन निदेशक संजीव कुमार बेसरा समेत अन्य मौजूद थे.

देश के 8 शहरों में प्रवासन सहायता केन्द्र
देश के 8 शहरों में स्थापित किए कए प्रवासन सहायता केंद्रों में नई दिल्ली, नीमराना (राजस्थान), अहमदाबाद (गुजरात), पुणे (महाराष्ट्र), हैदराबाद (आंध्र प्रदेश), बंगलुरु (कर्नाटक), चेन्नई (तमिलनाडु), तिरुप्पुर (तमिलनाडु) शामिल हैं. इन प्रवासन सहायता केंद्रों में झारखंड के प्रवासी कामगारों को हर प्रकार की सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है. यहां कामगारों के लिए एक माह तक भोजन एवं आवास की नि:शुल्क सुविधा होगी. इसके साथ ही करियर काउंसलिंग, चिकित्सा सुविधा एवं आपातकालीन स्थितियों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

प्रवासी कामगारों के लिए पूरा सपोर्ट सिस्टम है
श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के सचिव मुकेश कुमार ने कहा कि रोजगार के लिए राज्य से बाहर जाने वाले युवाओं और कामगारों के लिए प्रवासन सेवा केन्द्र स्थापित किए गए हैं. प्रवासन सहायता केंद्रों के रूप में श्रम विभाग की यह पहल अपने युवाओं को दूसरे राज्यों में भी अपने राज्य और घर जैसा माहौल देने की कोशिश है. प्रवासन सहायता केन्द्र सिर्फ भोजन और आवास के बारे में नहीं है, बल्कि प्रवासी कामगारों के लिए पूरा सपोर्ट सिस्टम बनाया गया है. उद्योग विभाग के सचिव प्रवीण कुमार टोप्पो ने कहा कि प्रवासन सहायता केन्द्र सभी प्रवासी मजदूरों के लिए सूचना और सहायता के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा. स्किल्ड पर्सनपावर के निर्माण में बहुत लाभदायक होगा. श्रम आयुक्त सह झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी के मिशन निदेशक संजीव कुमार बेसराने कहा कि झारखंड के प्रवासी कामगारों को नए शहर, नई जगह पर भाषा, रहन सहन, खान पान, को लेकर परेशानियों का सामना न करना पड़े, इसलिए प्रवासन सहायता केन्द्र स्थापित किए गए हैं.

मौके पर ये थे मौजूद
कार्यक्रम में नियोजन एवं प्रशिक्षण निदेशालय से उपनिदेशक श्रीकांत मिश्रा, उप निदेशक देवेन्द्र प्रसाद, सहायक निदेशक अंजु अग्रवाल, नियोजन पदाधिकारी पंकज कुमार गिरि, अजीत कुमार पन्ना, जेएलसी, राकेश प्रसाद, जेएलसी, धनंजय कुमार सिंह, जेएलसी, राजेश प्रसाद, जेएलसी, जेएसडीएमएस से मैनेजर ऑपरेशंस, विश्वरूप ठाकुर, मैनेजर फाइनेंस, राजन श्रीवास्तव, मैनेजर प्लेसमेंट, विनय कुमार, प्रोजेक्ट मैनेजर यूएनडीपी, राजीव खरे, दिनेश भगत, जिला कौशल पदाधिकारी लोहरदगा, अविनाश कुमार, जिला कौशल पदाधिकारी, रांची, प्रतिनिधि जेएसडीएमएस एवं यूएनडीपी शामिल हुए.

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