crime news : फरार 10 लाख का इनामी उग्रवादी पप्पू लोहरा लातेहार में कर रहा टेंडर मैनेज

उग्रवादियों के डर से ठेकेदार पुलिस के पास भी नहीं कर रहे हैं शिकायत

By Prabhat Khabar News Desk | July 28, 2024 12:36 AM

रांची़ पुलिस की नजर में फरार 10 लाख रुपये का इनामी उग्रवादी पप्पू लोहरा इन दिनों लातेहार में टेंडर मैनेज करने का काम कर रहा है. उसकी इजाजत के बिना कोई टेंडर का पेपर जमा नहीं कर सकता है. लातेहार जिला में टेंडर जिला अभियंत्रण कक्ष या एसपी कार्यालय में पुलिस की सुरक्षा में होता है. लेकिन जब कोई ठेकेदार टेंडर का पेपर जमा करने पहुंचता है, तब पप्पू लोहरा के गुर्गे वहां पहुंचकर ठेकेदार को फोन पर पप्पू लोहरा से बात करा देता है. इसके बाद भय से ठेकेदार टेंडर का पेपर जमा नहीं कर पाता है और पप्पू लोहरा जिसे चाहता है वही टेंडर का पेपर जमा कर टेंडर ले लेता है. जेजेएमपी में जोनल कमेटी मेंबर है पप्पू लोहरा : पप्पू लोहरा का पूरा नाम पप्पू लोहरा उर्फ सोमेद लोहरा है. उसके पिता का नाम बिरजू उर्फ गरजू लोहरा है. वह लातेहार जिला के लातेहार थाना स्थित कोने का रहने वाला है. उग्रवादी संगठन जेजेएमपी में उसका पद जोनल कमेटी मेंबर का है. उसकी गिरफ्तारी के लिए झारखंड सरकार की ओर से 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा भी की गयी है. खबर है कि उग्रवादी संगठन जेजेएमपी के लोग या उनके रिश्तेदार वर्तमान में ठेकेदारी में भी सक्रिय हैं. ये लोग जिले के लगभग सभी विभागों से होने वाली निविदा में भाग लेकर काम को मैनेज करने का काम करते हैं. इसके अलावा शहर से लेकर गांव तक जमीन के कारोबारियों से भी बड़ी रकम की वसूली कर रहे हैं. इसके विरोध में जब संवेदक पुलिस के पास शिकायत करते हैं, तो पुलिस उस पर संज्ञान नहीं लेती है. इस कारण संवेदक अब जेजेएमपी के खिलाफ शिकायत करना बंद कर चुके है. आधुनिक हथियार लेकर चलती है जेजेएमपी के युवाओं की टोली : जेजेएमपी का प्रभाव क्षेत्र लातेहार के मनिका व छिपादोहर तक सीमित है. बावजूद इसके पुलिस की पहुंच से जेजेएमपी के उग्रवादी बाहर हैं. जेजेएमपी के पास दो दर्जन से अधिक युवा ऐसे हैं, जो आधुनिक हथियार लेकर चलते हैं. पप्पू लोहरा का सबसे करीबी लवलेश गंझू है, जिसका नेटवर्क शहर में भी फैला हुआ है. लवलेश के पास युवाओं के अलावा ग्रामीण क्षेत्र की युवतियों की टोली है, जो शहर की गतिविधियों की जानकारी मुहैया कराती हैं. इसका फायदा जेजेएमपी के उग्रवादी उठाते हैं. बताया जाता है कि उग्रवादियों का दस्ता छोटे-बड़े वाहनों से चलता है.

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