रांची : झारखंड में मां के दूध से वंचित नवजात (छह माह तक के बच्चे) को मिल्क बैंक के माध्यम से दूध उपलब्ध कराया जायेगा. मिल्क बैंक में माताएं अपना दूध दूसरे बच्चाें को जीवन देने के लिए दान करेंगी. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है. पायलेट प्रोजेक्ट के तहत रांची जिला से इसकी शुरुआत की जायेगी. दान में मिले माताओं के दूध को संग्रहित करने के लिए मिल्क बैंक में विशेष व्यवस्था की जायेगी. दूध से वंचित माताएं स्त्री रोग विशेषज्ञाें के परामर्श के आधार पर दूध ले पायेंगी. मिल्क बैंक की शुरुआत प्रथम चरण में रिम्स या सदर अस्तपाल रांची से की जा सकती है.
रांची में मिल्क बैंक को सफलता मिलने के बाद राज्य के कुछ अन्य जिलों में इसकी शुरुआत की जायेगी. यह पूरी व्यवस्था स्वैच्छिक रक्तदान की तरह चलायी जायेगी. इसके लिए काउंसलर तैनात किये जायेंगे. स्वास्थ्य विभाग द्वारा मिल्क दान करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जायेगा.
माताओें से आग्रह किया जायेगा कि उनके द्वारा दान किया गया दूध कई बच्चों को नया जीवन दे सकता है. रांची जिले में ऐसी माताआें की सूची तैयार की जायेगी, जो दूध दान करने की इच्छुक होंगी. काउंसेलर अस्पताल में ऐसी महिलाओं से संपर्क करेंगी, जिनको दूध नहीं आ रहा होगा अौर बच्चों को बचाने के लिए मां का दूध जरूरी हाेगा.
राज्य में मिल्क बैंक शुरू करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. मिल्क बैंक में माताएं आकर दूध दान करेंगी. दान में मिले दूध को वैसी महिलाओं को उपलब्ध कराया जायेगा, जिनकाे दूध नहीं आने की समस्या होगी. राज्य में कुपोषित बच्चों को बचाने में माताआें का दान किया दूध काम आयेगा.
अरुण सिंह, स्वास्थ्य सचिव
रिम्स के स्त्री रोग विभाग की विशेषज्ञ डॉ विनिता कुमारी ने बताया कि मां का दूध अमृत समान होता है. यह बच्चों को कई बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है. जन्म के पहले घंटे में अगर मां का दूध नहीं मिल पाता है तो कई की जान चली जाती है. ऐसे में बच्चों को मिल्क बैंक के माध्यम से मां का दूध मिलेगा तो कई नवजात की जान बचायी जा सकती है. दूध दान करनेवाली माताएं मिल्क बैंक में अाकर अपना दूध दान करेंगी.
Posted By : Sameer Oraon