7th Pay Commission: रांची विवि के रिटायर्ड शिक्षकों की सैलरी के साथ बड़ा घोटाला, जानिए क्यों मचा हड़कंप

रांची विवि के सेवानिवृत्त शिक्षकों को कार्यरत दिखा उनका सातवां वेतनमान फिक्स कर राज्य सरकार से वेतन व एरियर मद में लाखों रुपये ले लिये गये हैं. जबकि ये शिक्षक सातवें वेतनमान लागू होने की तिथि एक जनवरी 2016 से पहले ही रिटायर हो गये. अभी पेंशन भी ले रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | May 8, 2020 7:46 AM

संजीव सिंह, रांची : रांची विवि के सेवानिवृत्त शिक्षकों को कार्यरत दिखा उनका सातवां वेतनमान फिक्स कर राज्य सरकार से वेतन व एरियर मद में लाखों रुपये ले लिये गये हैं. जबकि ये शिक्षक सातवें वेतनमान लागू होने की तिथि एक जनवरी 2016 से पहले ही रिटायर हो गये. अभी पेंशन भी ले रहे हैं. इसके बावजूद विवि प्रशासन ने सातवें वेतनमान में इनका वेतन फिक्स कर उच्च शिक्षा निदेशालय के पास प्रस्ताव भेज कर वेतन व एरियर संबंधी स्वीकृति ले ली. मामला पकड़ में आने के बाद से विवि के अधिकारियों सहित उच्च शिक्षा निदेशालय में भी हड़कंप मचा है.

जांच के बाद कई मामले उजागर होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. रांची विवि में अब तक ऐसे चार मामले पकड़ में आये हैं. दो मामले उस वक्त पकड़ में आये, जब शिक्षकों को एरियर भुगतान करने की बारी आयी. पता चला कि ये शिक्षक तो 2016 से पहले ही रिटायर हो चुके हैं. इसके बाद विवि प्रशासन ने इन शिक्षकों का भुगतान रोक दिया तथा मामले की जांच कर रहा है.

किस-किस कॉलेज के शिक्षक : जिन शिक्षकों के नाम पर गड़बड़ी हुई है, उनमें केअो कॉलेज, गुमला में भूगोल विभाग के शिक्षक डॉ अंतु सेठ तथा डोरंडा कॉलेज दर्शनशास्त्र विभाग की शिक्षिका डॉ मंजु मिश्रा शामिल हैं. डॉ सेठ जहां 31 जुलाई 2012 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं. वहीं डॉ मंजु ने 12 अक्तूबर 2015 को ही वोलेंटियरी रिटायरमेंट ले ली है.

वेतनमान फिक्स करने का काम विवि काशिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन भुगतान में विलंब रोकने के लिए सरकार वेतनमान फिक्स करने की स्वतंत्रता अब विवि को ही दे रही है. यानि इसमें राज्य सरकार का हस्तक्षेप नहीं होगा. विवि द्वारा भेजे गये प्रस्ताव ही मान्य होंगे. वर्तमान में विवि के प्रस्ताव पर अंतिम स्वीकृति राज्य सरकार देती है.

Next Article

Exit mobile version