Illegal Mining News : प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा- जुर्माना नहीं देनेवालों की पत्थर खदानें होंगी बंद

राजमहल पहाड़ पर हो रहे अंधाधुंध अवैध खनन और स्टोन क्रशर पर रोक लगाने को लेकर एनजीटी इस्टर्न जोन कोलकाता में दायर याचिका पर 10 दिसंबर को सुनवाई हुई. इस दौरान झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रांची की ओर से 34 पन्नों का हलफनामा दाखिल किया.

By Prabhat Khabar News Desk | December 17, 2024 12:26 AM

रांची. राजमहल पहाड़ पर हो रहे अंधाधुंध अवैध खनन और स्टोन क्रशर पर रोक लगाने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) इस्टर्न जोन कोलकाता में दायर याचिका (ओए-23/2017) पर 10 दिसंबर को सुनवाई हुई. इस दौरान झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रांची की ओर से 34 पन्नों का हलफनामा दाखिल किया. इसमें कहा गया है कि जुर्माना नहीं देनेवाले क्रशर और माइंस बंद किये जायेंगे.

अब तक नौ करोड़ 99 लाख 14 हजार 46 रुपये जुर्माना वसूला गया

हलफनामा में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया है कि 203 पत्थर कारोबारियों पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के रूप में एक अरब एक करोड़ 26 लाख 55 हजार 460 रुपये का जुर्माना लगाया गया था. बाद में जुर्माना राशि को संशोधित करते हुए 52 करोड़ 10 लाख 47 हजार 216 रुपये कर दिया गया. इसमें नौ करोड़ 99 लाख 14 हजार 46 रुपये जुर्माना वसूला जा चुका, जबकि 42 करोड़ 11 लाख 33 हजार 170 रुपये जुर्माना वसूल किया जाना बाकी है. यह भी बताया कि तीन दिसंबर को झारखंड प्रदूषण बोर्ड मुख्यालय रांची व क्षेत्रीय प्रदूषण कार्यालय दुमका ने समाचार पत्रों में नोटिस प्रकाशित कर 83 पत्थर कारोबारियों को एक सप्ताह के भीतर और 40 पत्थर कारोबारियों को एक माह के भीतर अधिरोपित पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति जुर्माना राशि जमा करने को कहा है, अन्यथा पत्थर कारोबारियों के इकाइयों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत बंद आदेश जारी करने का अल्टीमेटम दिया गया है. मामले की सुनवाई एनजीटी के ज्यूडिशियल मेंबर जस्टिस बी अमित स्थलेकर और एक्सपर्ट मेंबर डाॅ अरुण कुमार वर्मा ने की. याचिकाकर्ता अरशद नसर की तरफ से कोलकाता हाइकोर्ट की अधिवक्ता पौशाली बनर्जी, जबकि झारखंड सरकार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नयी दिल्ली व झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रांची की ओर से सरकारी अधिवक्ता एश्वर्या राज्यश्री, कुमार अनुराग सिंह, सुरेंद्र कुमार, देव आर्यन और मुकेश कुमार उपस्थित थे.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पूरक हलफनामा दायर करने की अनुमति मांगी

सुनवाई के दौरान प्रदूषण बोर्ड ने एनजीटी से आग्रह किया कि पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति जुर्माना राशि को सत्यापित व संशोधित किया गया है. इसे और स्पष्ट करने के लिए पूरक हलफनामा दायर करने की अनुमति एनजीटी से मांगी गयी, जिसे स्वीकार करते हुए पूरक शपथपत्र दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय देते हुए एनजीटी ने इस मामले की अगली सुनवाई 13 फरवरी को निर्धारित की है.

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