माइनिंग लीज मामला: भारत निर्वाचन आयोग ने झामुमो विधायक बसंत सोरेन से माइनिंग लीज मामले में नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है. श्री सोरेन को जवाब देने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है. आयोग ने रजिस्ट्रारऑफ कंपनीज (आरओसी) को भी नोटिस भेजा है. आयोग ने संबंधित कंपनियों की जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है. आयोग जानना चाहता है कि इन कंपनियों में किनके-किनके शेयर हैं.
आयोग के विशेष मैसेंजर ने श्री सोरेन के बोकारो स्थित आवास पर जाकर नोटिस दिया है़ वहीं इसकी सूचना से संबंधित पत्र भाजपा कार्यालय को सुबह सात बजे उपलब्ध कराने की बात कही गयी है़ भाजपा के सूत्रों ने बताया कि आयोग की ओर से पार्टी कार्यालय को सूचना दी गयी है कि पत्र सुबह सात बजेे दिया जायेगा़ भारत निर्वाचन आयोग ने बसंत सोरेन से कहा है कि पूरे मामले में स्पष्टीकरण दें.
यह आॅफिस ऑफ प्रोफिट का मामला बनता है, क्यूं न आपकी सदस्यता खत्म कर दी जाये़ इसके पहले आयोग ने झारखंड के मुख्य सचिव से बसंत सोरेन के माइनिंग लीज से संबंधित दस्तावेज की सर्टिफाइड कॉपी मांगी थी. राज्यपाल द्वारा की गयी अनुशंसा के आलोक में सरकार से माइनिंग लीज से जुड़े सभी दस्तावेजों की मांग की गयी थी. आयोग को भेजे गये दस्तावेजों में लीज के आवेदन, संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा लिखी गयी टिप्पणी के अलावा पार्टनरशिप डीड और राजस्व बकाया से संबंधित कागजात शामिल हैं.
बसंत पर क्या है आरोप: भाजपा नेताओं ने विधायक बसंत सोरेन को अयोग्य घोषित (सदस्यता समाप्त) करने की मांग करते हुए राज्यपाल से शिकायत की थी. राज्यपाल को सौंपे गये शिकायती पत्र में कहा गया था कि पश्चिम बंगाल की कंपनी मेसर्स चंद्रा स्टोन के मालिक दिनेश कुमार सिंह के बिजनेस पार्टनर हैं बसंत सोरेन. वहीं दूसरी ओर बसंत सोरेन पार्टनरशिप में मेसर्स ग्रैंड माइनिंग नामक कंपनी भी चलाते हैं. पाकुड़ में चल रही इस कंपनी में भूपेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह और बसंत सोरेन पार्टनर हैं. इस कंपनी पर खान विभाग का 14 करोड़ रुपये बकाया है. इस बकाये के खिलाफ बसंत सोरेन ने हाइकोर्ट में तीन याचिका दायर की थी.
फरवरी 2020 में हाइकोर्ट ने कंपनी को उपायुक्त के समक्ष अपना पक्ष पेश करने और उपायुक्त को 15 दिनों में बकाया वसूली का आदेश दिया था. हालांकि हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री व खान मंत्री होने की वजह से वसूली की कार्रवाई नहीं हुई. राज्यपाल को भेजे गये शिकायती पत्र में बसंत सोरेन पर माइनिंग लीज लेने और पार्टनिरशिप पर चलाने के मामले में लोक प्रतिनिधत्व नियम 1951 की धारा 9 ए में निहित प्रावधानों के तहत अयोग्य घोषित करने की मांग की गयी है.
22 अप्रैल को मिले चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब दे चुका हू़ं : बसंत
दुमका के झामुमो विधायक बसंत सोरेन ने कहा कि वह रांची में है़ं मुझे किसी नोटिस मिलने की जानकारी नहीं है़ उन्हें कोई नोटिस न तो रांची और न ही उनके दुमका स्थित आवास में मिला है. श्री सोरेन ने कहा कि अॉफिस अॉफ प्रोफिट के मामले में भारत निर्वाचन आयोग से मुझे 22 अप्रैल को नोटिस मिला था, जिसका जवाब मैनें 26 अप्रैल को आयोग को भेज दिया था.
बसंत सोरेन ने कहा कि चुनाव के दौरान नामांकन के दौरान दिये गये शपथ पत्र में मैंने सारे कारोबार का जिक्र किया है. विधायक बनने के बाद कोई कारोबार नहीं कर रहा बल्कि मेरे पार्टनर ही कारोबार को देखते हैं. विधायक रहते हुए ऐसा कोई काम नहीं किया है जिसमें अॉफिस अॉफ प्रॉफिट का मामला बने. श्री सोरेन ने कहा कि वह अपनी मां की तबियत को लेकर थोड़ा परेशान हैं. हैदराबाद में उनका इलाज चल रहा है.
Posted by: Pritish Sahay