रांची : झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को निर्वाचन आयोग ने 9(ए) के मामले में सुनवाई के लिए फिर से अब 28 जून का समय तय किया है. मुख्यमंत्री ने आयोग से आग्रह किया कि उनके अधिवक्ता की तबीयत खराब है, इसलिए समय दिया जाये. इससे पूर्व 31 मई को मुख्यमंत्री को निर्वाचन आयोग के समक्ष उपस्थित होना था, लेकिन सीएम ने समय देने का आग्रह किया था. इसके बाद आयोग ने 14 जून का समय दिया था.
निर्वाचन आयोग ने कहा है कि यह आखिरी तिथि है. इसके बाद समय नहीं बढ़ाया जायेगा. राज्य निर्वाचन आयोग के सीइओ के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र की प्रतिलिपि भी भेजी गयी है. आयोग द्वारा कहा गया है कि आपके द्वारा 14 जून की सुनवाई को टालने का आग्रह किया गया था.
निर्वाचन आयोग ने इसकी अनुमति दे दी है. जैसा कि आयोग पूर्व में दो बार सुनवाई की तिथि को आगे बढ़ा चुका है. व्यक्तिगत सुनवाई की यह आखिरी तिथि है. यदि इस तिथि को वे उपस्थित नहीं हुए, तो आयोग श्री सोरेन द्वारा दिये गये जवाब के आधार पर अग्रतर कार्रवाई करेगा.
दुमका विधायक बसंत सोरेन की सदस्यता के मामले में निर्वाचन आयोग में 15 जून को दिन के तीन बजे से सुनवाई होनी है. अॉफिस अॉफ प्रॉफिट के मामले में भाजपा के दीपक प्रकाश ने यह शिकायत की थी. इधर दीपक प्रकाश ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र भेजकर सुनवाई में उपस्थित होने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा है. उनका कहना है कि इस मामले में उन्हें रिज्वाइंडर दाखिल करना है.
नयी दिल्ली. झारखंड सरकार ने हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती देनेवाली एसएलपी पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से शीघ्र सुनवाई का आग्रह किया. एसएलपी के माध्यम से सीएम हेमंत सोरेन के करीबियों के शेल कंपनियों में निवेश मामले में दायर पीआइएल की मेंटेनेबिलिटी पर झारखंड हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गयी है. यहां बता दें कि झारखंड हाइकोर्ट ने तीन जून को पीआइएल को सुनवाई योग्य बताया था.
जिसमें कहा गया था कि उसकी सुनवाई गुण-दोष के आधार पर होगी. झारखंड सरकार ने न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अवकाशकालीन पीठ को बताया कि मामले पर जल्द सुनवाई की आवश्यकता है. झारखंड हाइकोर्ट ने मामले को 17 जून को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है. पीठ ने राज्य की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अरुणाभ चौधरी से कहा कि वह रजिस्ट्रार को याचिका के बारे में जानकारी दें.
Posted By: Sameer Oraon