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प्रभात खबर संवाद में बोले मंत्री बादल पत्रलेख- गठबंधन में हैं, तो अलग-अलग राग, अलग-अलग डफली नहीं बजा सकते

कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के मंत्री बादल पत्रलेख प्रभात खबर संवाद कार्यक्रम में शामिल हुये. उन्होंने कहा कि गठबंधन में इतनी दूरियां नहीं हो जानी चाहिए कि नजदीकियां मुश्किल हो जायें. मंत्री ने कहा कि गठबंधन में हैं, तो अलग-अलग राग, अलग-अलग डफली नहीं बजा सकते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 25, 2022 7:53 AM

Ranchi News: राज्य के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ‘प्रभात खबर संवाद’ कार्यक्रम में पहुंचे. उन्होंने यहां राजनीति में कदम रखने, संगठन और विभाग के कामकाज पर बेबाकी से अपनी बात रखी. संगठन को मजबूत करने और मिली जिम्मेदारी को पूरा करने में ईमानदार प्रयास की बात कही. जनभावना के साथ कार्यकर्ताओं से भी तालमेल बनाये रखने पर जोर दिया. विभागीय योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ किसानों तक पहुंचाने के प्रयास की जानकारी भी दी.

कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के मंत्री बादल प्रभात खबर संवाद में कहा, गठबंधन में इतनी दूरियां नहीं हो जानी चाहिए कि नजदीकियां मुश्किल हो जायें. हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व में राहुल गांधी हैं. हम जिस सरकार में हैं, उसके नेता हेमंत सोरेन जी हैं. पूरी ईमानदारी से जानता हूं कि यदि हम गठबंधन की बदौलत मंत्री हैं, तो हमें गठबंधन के कार्यकर्ताओं को समान रूप से सम्मान देना पड़ेगा. इसको लेकर समन्वय बनाये रखना पड़ेगा, ताकि कल को जब फिर गठबंधन एक साथ चुनाव लड़े, तो दूरियां इतनी न बढ़ें कि नजदीकियां मुश्किल हो जायें. मंत्री ने कहा कि गठबंधन में हैं, तो अलग-अलग राग, अलग-अलग डफली नहीं बजा सकते हैं.

सिर्फ राहुल गांधी के चलने से नहीं होगा, सबको चलना होगा

बादल ने कहा कि राहुल गांधी 3500 किलोमीटर की यात्रा कर रहे हैं. लेकिन, जिन्हें राहुल जी के नेतृत्व में दिल्ली तक जाना है, वे अपने यहां 35 कदम चल रहे हैं या नहीं, इसके लिए मोटिवेट करता हूं. सिर्फ राहुल जी के चलने से नहीं होगा, सबको चलना पड़ेगा. आपके पास संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं है. जो व्यक्ति प्रधानमंत्री नाना की गोद में खेला, जिसकी दादी और पिता प्रधानमंत्री थे, उनकी गोद में खेला हुआ बच्चा आज सैकड़ों दिनों से सड़क पर है.

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हमने पूरा किया ओबीसी आरक्षण, सरना धर्म कोड, कर्ज माफी का वादा

कांग्रेस ने कहा था कि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देंगे, उस पर खरा उतरे. कैबिनेट में लेकर आये. विधानसभा से प्रस्ताव पास कर राज्यपाल के पास सरकार ने भेजा. सरना धर्म कोड लेकर आये. हमने कहा था कि पारा शिक्षकों के साथ न्याय करेंगे, उसे लेकर आये. किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की थी, किया. हमें लगता है कि हम जनता के बीच जिन भावनाओं को लेकर गये थे, उसका रेपो अब तक बरकरार है.

…पर्सनल लाइफ के बारे में सोचने का मौका ही नहीं मिला

बादल ने कहा कि 12 दिसंबर 2013 को घर छोड़ कर निकल गया. पार्टी ने देखा कि हममें त्याग की भावना है. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरा घर छूटेगा, लेकिन काम करते हुए इतना मग्न हो गया कि कभी पर्सनल लाइफ के बारे में सोचने का मौका ही नहीं मिला. जब किसी काम को लेकर किसी के अंदर जुनून होता है, तो आपको कुछ खोना पड़ता है. यह सिर्फ राजनीति में नहीं होता है. रतन टाटा जी को देखें. कलाम साहब को देखें. राजनीति में दर्जनों उदाहरण हैं, ममता से लेकर जयललिता तक, नवीन पटनायक से लेकर राहुल गांधी तक, अटल बिहारी बाजपेयी तक. मैं वहां तक नहीं जाता हूं. उन लोगों के बीच भी एक जुनून था, जिसके कारण उनको पर्सनल चीजों के लिए समय नहीं मिला होगा.

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