Jharkhand News: रांची में बोले मंत्री चंपाई सोरेन, झारखंड में दिव्यांगों के लिए विश्वविद्यालय की होगी स्थापना
Jharkhand News: झारखंड के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि दिव्यांगों के लिए विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी. सरकार दिव्यांगों के समावेशी विकास पर फोकस कर रही है. इसके साथ ही अनाथ बच्चों की शिक्षा पर भी सरकार जोर दे रही है.
Jharkhand News: रांची-झारखंड के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि राज्य के दिव्यांगों के लिए विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी. दिव्यांगजनों के लिए समावेशी विश्वविद्यालय एक ऐतिहासिक पहल है. मानव जीवन में सब के पास सब कुछ नहीं है. हमारे दिव्यांगजन भी उनमें शामिल हैं. उनके समावेशी विकास पर फोकस किए बिना संपूर्ण विकास की बात बेमानी होगी. सामान्य मानव जीवन में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके, इसके लिए प्रयास जारी है. वे मंगलवार को रांची में आयोजित स्टेट लेवल कंसल्टेटिव वर्कशॉप को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. उन्होंने सरायकेला खारसावां जिले के राजनगर प्रखंड में ओडिशा की सीमा पर स्थित एक गांव का जिक्र करते हुए कहा कि वहां स्कूल के नेत्रहीन हेडमास्टर कैसे बच्चों को शिक्षा देते थे. उनके ही कार्यों से प्रेरणा लेकर दिव्यांग विश्वविद्यालय की स्थापना की पहल की जा रही है.
दिव्यांगजनों के लिए विश्वविद्यालय की स्थापना
झारखंड के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंपाई सोरेन ने कहा है कि दिव्यांगजनों को सामान्य जीवन में समावेशी भागीदारी के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित है. इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए दिव्यांगजनों के लिए राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना की परिकल्पना की गयी है. उन्होंने कहा कि हमारी सोच यह है कि मनुष्य जीवन के लिए कुछ ऐसा करें, जो मिसाल बन सके. उन्होंने कहा कि झारखंड मूल रूप से धनी प्रदेश है, लेकिन पिछड़ा है. पिछड़ेपन के लिए वह किसी की आलोचना नहीं कर रहे हैं, लेकिन आगे इसे कैसे विकसित बनायें, इस पर सोचना चाहिए.
उच्च शिक्षा के लिए लगातार सुविधाएं विकसित कर रही सरकार
मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि इच्छाशक्ति हो, तो हर समस्या का समाधान संभव है. सरकार उच्च शिक्षा के लिए लगातार सुविधाएं विकसित कर रही है. छात्रों को हर सुविधा दी जा रही है. अनाथ बच्चों की शिक्षा पर भी सरकार का फोकस है. उन्होंने कार्यशाल में आये प्रबुद्धजनों से कहा कि उनके सुझाव लेकर वह समावेशी दिव्यांग विश्वविद्यालय की परिकल्पना को साकार करेंगे.
दिव्यांगजनों के लिए बनाएंगे समावेशी वातावरण
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव राहुल पुरवार ने कार्यशाला में कहा कि समाज के विशेष वर्ग दिव्यांगजनों के लिए समावेशी वातावरण बनाना होगा. यह सिर्फ विभाग ही नहीं, हम सभी का दायित्व है. समावेशी दिव्यांग विश्वविद्यालय की परिकल्पना में भी यही तथ्य शामिल हैं. उन्होंने कहा कि दिव्यांगों की क्षमता पहचान कर उनके विकास पर फोकस करना हमारा लक्ष्य है. दिव्यांगजनों की कुल 21 कैटेगरी है. उनकी कैटेगरी के अनुसार उनकी आवश्यकता को ध्यान में रख उनके लिए कोर्सेज डिजाइन किए जाएंगे. क्लास डिजाइन की जाएगी. उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि लातेहार जिले में बतौर उपायुक्त अपनी पदस्थापना के दौरान उन्होंने दिव्यांगजनों के लिए एक नई सुबह नामक कार्यक्रम की शुरुआत की थी. उसी तरह देवघर में उड़ान और गुरुकुल कार्यक्रम के माध्यम से 40 हजारों दिव्यांगों को लाभ पहुंचाया था. उन्होंने कहा कि दिव्यागजनों के अलावा सामान्य छात्रों के लिए भी विभिन्न योजनाएं लेकर आएंगे. कार्यशाला में उच्च शिक्षा निदेशक रामनिवास यादव, असिस्टेंट रजिस्टार कोऑपरेटिव सर्विस विवेक सिंह, संस्था मनोविकास, दिल्ली के मैनेजिंग सेक्रेटरी डॉ अलोक भुवन, तकनीकी शिक्षा निदेशक सुनील कुमार समेत अन्य ने अपने विचार व्यक्त किए.