झारखंड में पिछड़ा वर्ग मंत्रालय और निदेशालय गठन का प्रस्ताव पारित
‘झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग’ के बोर्ड की बैठक मंगलवार को हुई. इसकी अध्यक्षता आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद ने की.
विशेष संवाददाता, (रांची).
‘झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग’ के बोर्ड की बैठक मंगलवार को हुई. इसकी अध्यक्षता आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद ने की. बैठक में तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, मध्य प्रदेश व बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक विकास के लिए ‘स्वतंत्र पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय एवं निदेशालय’ के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया. यह प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जायेगा. फिलहाल राज्य में एसटी, एससी, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय है. इसमें पिछड़ा वर्ग मंत्रालय को अलग करने की मांग रखी जायेगी. बैठक में कहा गया कि बिहार के सभी जिलों में पिछड़ा वर्ग के लिए ‘कन्या आवासीय विद्यालय’ संचालित है. झारखंड में पिछड़ी जाति के बालक-बालिकाओं के लिए आवासीय विद्यालय खोलने की अनुशंसा एसटी, एससी, अल्पसंख्यक व पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को भेजने का निर्णय लिया गया. आयोग की बैठक में मध्य प्रदेश की तर्ज पर ‘ट्रिपल टेस्ट’ कराने का फैसला लिया गया है. आयोग की टीम ने मप्र और बिहार का दौरा कर ‘ट्रिपल टेस्ट’ का अध्ययन किया है. दोनों राज्यों की तुलनात्मक समीक्षा के बाद झारखंड में ‘ट्रिपल टेस्ट’ का कार्य मध्य प्रदेश द्वारा अपनायी गयी प्रक्रिया की तर्ज पर करने का निर्णय लिया गया. बैठक में पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य केशव महतो कमलेश व नंद किशोर मेहता भी मौजूद थे.आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट की अनुशंसा :
आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद ने मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को पत्र भेजकर प्रतियोगिता परीक्षाओं में ओबीसी की आयु सीमा में छूट दो वर्ष से बढ़ा कर पांच वर्ष करने की अनुशंसा की है. उन्होंने लिखा है कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पिछड़े वर्ग को उम्र सीमा में पांच वर्षों की छूट दी जाती है. जबकि जेपीएससी और जेएसएससी द्वारा ओबीसी को उम्र सीमा में अधिकतम दो वर्ष की ही छूट दी जाती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है