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झारखंड के अल्पसंख्यक शिक्षकों को पुरानी पेंशन स्कीम का मिलेगा लाभ : JMM विधायक चमरा लिंडा

रांची में झारखंड अल्पसंख्यक माध्यमिक शिक्षक संघ का महाधिवेशन संपन्न हुआ. इस माैके पर बिशुनपुर विधायक चमरा लिंडा ने कहा कि राज्य के अल्पसंख्यक शिक्षकों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ जरूर मिलेगा. वहीं, सिसई विधायक जीगा सुसारेन होरो ने निदेशालय से एक महीने में अनुमोदन करने की मांग की.

By Samir Ranjan | November 27, 2022 5:41 PM

Jharkhand News: झारखंड अल्पसंख्यक माध्यमिक शिक्षक संघ (Jharkhand Minority Secondary Teachers Association) का राज्य स्तरीय महाधिवेशन राजधानी रांची के संत जॉन्स हाई स्कूल में संपन्न हुआ. इस मौके पर बिशुनपुर विधायक चमरा लिंडा, सिसई विधायक जीगा सुसारेन होरो और जीएल चर्च के बिशप सीमांत समद तिर्की समेत काफी संख्या में संघ के लोग उपस्थित थे.

अल्पसंख्यक शिक्षकों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़े हैं

बतौर मुख्य अतिथि बिशुनपुर विधायक चमरा लिंडा ने कहा कि अल्पसंख्यक शिक्षकों के साथ वो भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं. उनकी सभी समस्या और परेशानियों से अवगत हैं. कहा कि अल्पसंख्यक शिक्षकों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ जरूर मिलेगा. उन्होंने मिशनरियों तथा अल्पसंख्यक स्कूलों द्वारा दी जा रही स्तरीय शिक्षा का उल्लेख करते हुए कहा कि सुदूर क्षेत्रों में शिक्षा का अलख जगाए हुए हैं और समाज, राज्य और देश के विकास में अच्छी भूमिका निभा रहे हैं.

नई नियमावली तभी कैबिनेट में जाएगी, जब कमेटी अप्रूव करेगी

उन्होंने कहा कि विडंबना है कि कुछ पदाधिकारियों में नकारात्मक विचार होते हैं और उसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ता है. इसके बावजूद आप एकता बनाए रखें. संघर्ष का रास्ता अपनाएं. आंदोलन करें. धरना प्रदर्शन करें. हम हमेशा अापलोगों के साथ रहेंगे. वहीं, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का सकारात्मक रवैया है और उन्होंने आश्वस्त किया है कि नई नियमावली तभी कैबिनेट में ले जाएगी, जब उसे कमेटी अप्रूव करेगी.

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अनुमोदन की समय सीमा बढ़ाने की करेंगे मांग

वहीं, सिसई विधायक जीगा सुसारेन होरो ने कहा कि वे मुख्यमंत्री से मिलकर निदेशालय (Directorate) द्वारा अनुमोदन की समय सीमा एक महीने तय करने का आग्रह करेंगे, जिससे अभ्यर्थी को बेवजह सालों-साल परेशानी नहीं उठानी पड़े. वहीं, उन्होंने कहा कि इस तरह का माहौल बनाए जाने की जरूरत है कि पदाधिकारी जिम्मेदारीपूर्वक काम करें.

शिक्षक कभी नहीं मरते

जीएल चर्च के बिशप सीमांत समद तिर्की ने कहा कि 15वीं शताब्दी में मिशनरियां आयी और सभी के लिए शिक्षा सुलभ करने का मार्ग प्रशस्त किया. उनके अनुसार शिक्षक कभी मरता नहीं. वह विद्यार्थियों में जीवित रहता है और छात्र के सर्वांगीण विकास से ही देश का विकास संभव है.

पेंशन और अनुमाेदन को लेकर कई तरह की है परेशानियां

महाधिवेशन की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष फादर फ्लोरेंस कुजूर ने की तथा केंद्रीय संयुक्त सचिव रमेश कुमार सिंह ने प्रतिवेदन पेश किया. इसमें सप्तम वेतनमान लाभ तथा अन्य सुविधाओं का उल्लेख किया. वहीं, उन्होंने कहा कि पेंशन तथा अनुमोदन को लेकर परेशानियां है, लेकिन उम्मीद है कि हेमंत सरकार इन कमियों को दूर करेगी, क्योंकि यह अवधारणा बनी हुई है कि उनकी सरकार इनकी अपनी है.

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इस मौके पर इनकी रही उपस्थिति

इस मौके पर रांची के संत अलोइस उच्च विद्यालय, संत मार्गरेट बालिका उच्च विद्यालय, गोस्सनर उच्च विद्यालय,  उर्सुलाइन बालिका उच्च विद्यालय, बेथेसदा उच्च विद्यालय, कारमेल बालिका उच्च विद्यालय के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी. इसका संचालन अनीता कंडीर, ज्योति रोज कुल्लू एवं अंजना बोदरा ने संयुक्त रूप से किया तथा धन्यवाद ज्ञापन फादर विनोद टोप्पो ने किया.

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