डकरा : एनके पिपरवार में कार्यरत 150 असंगठित मजदूरों की गाढ़ी कमाई के लगभग 60 लाख रुपये का चेक अधिकारियों की लापरवाही से गुम हो गया है. यह राशि 2015-16 के वेतन, सीएमपीएफ और इपीएफ की है. इस संबंध में सीसीएल सीकेएस के एनके एरिया सचिव अमरभूषण सिंह और सह सचिव सुजीत कुमार सिंह से बात की गयी. अधिकारियों ने बताया कि एनके पिपरवार के टीसीपीएल व आरटीसीए में काम करनेवाले असंगठित मजदूरों का 2014 से लेकर 2020 तक वेतन, सीएमपीएफ व इपीएफ का जो पैसा सीसीएल ने दोनों कंपनियों से लिया था.
उसके बारे में हमने संबंधित विभाग के अधिकारियों से पूछताछ शुरू की. कई चरण की बैठक के बाद पता चला कि वित्त विभाग के अधिकारी जो पैसा सीएमपीएफओ (कोल माइन प्रोविडेंट फंड ऑफिस) को भेजने की जानकारी दे रहे हैं, उसमें सच्चाई नहीं है. सीएमपीएफओ ने संगठन को जानकारी दी है कि वर्ष 2015-16 का पैसा वहां गया ही नहीं है.
जब यह जानकारी एनके एरिया के महाप्रबंधक को दी गयी, तो उन्होंने वित्त विभाग के अधिकारियों को कंपनी से पैसा लेकर सीएमपीएफओ को भेजने का आदेश दिया. लेकिन, समस्या यह है कि 2015-16 में काम करनेवाली कंपनी का काम खत्म हो गया है. ऐसे में अब उनसे पैसा कैसे लिया जायेगा, यह किसी को समझ में नहीं आ रहा है.
उधर, जिन मजदूरों का पैसा जमा नहीं हुआ है, वे परेशान हैं. मजदूरों ने कहा है कि जिस अधिकारी की लापरवाही से उनका हक मारा गया है, उसके विरुद्ध कार्रवाई हो, अन्यथा आंदोलन किया जायेगा. इसके लिए मजदूरों ने श्रमिक संगठनों से भी सहयोग की अपील की है.
यह पूरी तरह से लापरवाही का मामला है. इसकी जानकारी wमहाप्रबंधक को दे दी गयी है. मजदूरों के नाम पर प्राइवेट कंपनी से पैसा लेकर उसे सीएमपीएफओ को नहीं भेजने वाले अधिकारी की पहचान कर उनका नाम सार्वजनिक किया जाये, ताकि उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही हो सके. अन्यथा बड़ा आंदोलन करेंगे.
– अमरभूषण सिंह, सचिव, सीसीएल सीकेएस एनके एरिया