काव्य की धारा संग मिथिला महोत्सव का आगाज, आज हरमू मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे आकर्षण का केंद्र

काव्य की धारा के साथ तीन दिवसीय मिथिला महोत्सव का आगाज हो गया है. कवि सम्मेलन की शुरुआत फूलचंद्र झा प्रवीण के गीत चांद हमर अहि प्राण उगु आउ से हुई, जिसे लोगों ने काफी सराहा.

By Prabhat Khabar News Desk | April 15, 2023 8:32 AM

काव्य की धारा के साथ तीन दिवसीय मिथिला महोत्सव का आगाज शुक्रवार को हुआ. महोत्सव की शुरुआत बाबा विद्यापति की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई. इस दौरान महात्मा गांधी मार्ग स्थित बाबा विद्यापति चौक पर मैथिल भाषा-भाषी धोती, कुर्ता और पाग पहनकर पदयात्रा कर पहुंचे. नेतृत्व मंच अध्यक्ष मनोज मिश्र कर रहे थे. यहां बाबा विद्यापति की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजय पासवान भी शामिल हुए. इसके बाद अरगोड़ा स्थित लेक गार्डेन में काव्य संध्या हुआ, जिसका उदघाटन राज्यसभा सांसद महुआ माजी और विधायक सरयू राय ने किया.

स्वागत भाषण में मनोज मिश्र ने कहा कि सरयू राय मैथिली को झारखंड में द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिलाने और समय-समय पर सदन में मैथिली के संबंध में आवाज उठाते रहे हैं. साथ ही सांसद डॉ महुआ माजी के साहित्य के प्रति समर्पण और मैथिली के प्रति लगाव की भी तारीफ की. महुआ माजी ने कहा कि मैथिली मीठी भाषा है और इसकी साहित्यिक धारा सुंदर है. मैथिली के कवियों से आग्रह है कि वे अधिक से अधिक बाल साहित्य की रचना करें. वहीं सरयू राय ने मिथिला की प्राचीन परंपरा की सराहना की. मिथिला भाषा की विशेषता एवं अन्य सभी आधुनिक भाषा के कवियों पर इसके प्रभाव को रेखांकित किया.

चांद हमर अहि प्राण उगु आउ

कवि सम्मेलन की शुरुआत फूलचंद्र झा प्रवीण के गीत चांद हमर अहि प्राण उगु आउ से हुई, जिसे लोगों ने काफी सराहा. मंच संचालन डॉ कृष्ण मोहन झा ने किया और मैथिली और मिथिला की साहित्यिक धारा पर अपनी बात कही. कमलेश प्रेमी, जगदीश चंद्र ठाकुर ने काव्य पाठ किया. इस दौरान स्थानीय कवियों ने भी अपनी साहित्यिक रचना पेश की. कार्यक्रम को सफल बनाने में मंच समन्वयक संतोष झा, महासचिव मिथिलेश कुमार मिश्र, श्रीपाल झा, संजीत कुमार झा, सर्वजीत कुमार चौधरी आदि का योगदान रहा.

आज का कार्यक्रम

शनिवार को शाम पांच बजे हरमू मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज होगा. ध्रुपद गायक हरिनाथ झा, रंजना झा और पूनम मिश्रा प्रस्तुति देंगे. महोत्सव स्थल पर 25 स्टॉल सजाये गये हैं. पुस्तक से लेकर मिथिला पेंटिंग, पाग, सिक्की, मौनी आदि आकर्षण के केंद्र होंगे. साथ ही माछ-भात सहित अन्य व्यंजनों का स्टॉल भी सजा है.

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