मंत्री मिथलेश ठाकुर बोले- राज्य सरकार सुखाड़ में हर किसान को 35 सौ दे रही, विपक्ष ने किया पलटवार
मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने सदन में सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि हमारी सरकार सुखाड़ प्रभावित इलाके में प्रति किसान 35 सौ रुपये दे रही है. वहीं विपक्ष की तरफ से विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि राज्य में जनता त्रस्त है.
रांची: मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कटौती प्रस्ताव के विरोध में सरकार का पक्ष रखते हुए दूसरी पाली में कहा कि केंद्र सरकार किसानों के साथ तानाशाही रवैया अपना रही है. सुप्रीम कोर्ट ने कान ऐंठा, तो काला कानून वापस ले लिया. किसान एमएसपी की मांग कर रहे हैं, तो उनके रास्ते में कांटे बिछाये जा रहे हैं. विपक्ष लोगों को आंखों में धूल झोंक रहा है. राज्य सरकार सुखाड़ प्रभावित इलाके में प्रति किसान 35 सौ रुपये दे रही है. हम किसानों का ऋण माफ कर रहे हैं. हमारी चिंता में किसान हैं. मंत्री ने कहा कि ये लोग कहते हैं कि राम को हम लाये हैं. हड़बड़ी में आधे अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कर दिया. शंकराचार्य ने विरोध किया, तो उनकी नहीं सुनी. ये लोग सच्चे रामभक्त नहीं है. मुंह में राम और बगल में छूरी वाले लोग हैं. मंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि यह सरकार आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यकों के कल्याण को लिए कई योजनाएं चला रही है. कल्याण विभाग का बजट 28 सौ करोड़ से बढ़ा कर 33 सौ करोड़ दिया गया है.
बीमा कंपनियां किसानों का हक मार रही है : बादल
रांची. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि कुछ चीजें नियम कानून से चलती है. केंद्र का जब मन करता है अनुदान देता है, जब मन करता है रोक देता है. आठ लाख किसानों के बीमा की देनदारी थी, लेकिन 57 हजार किसानों को ही दिया गया. क्लेम भी नहीं दिया जा रहा है. बीमा कंपनियों के 575 करोड़ मात्र 92 करोड़ ला सकी.
राज्य में जनता त्रस्त, किसान पस्त, उद्योग अस्त, लुटेरे मस्त
विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कटौती प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि चुनावी घोषणा पत्र के एक भी वादों का सरकार ने अनुपालन नहीं किया. राज्य में जनता त्रस्त, किसान पस्त, उद्योग अस्त, लुटेरे मस्त हैं. इन्होंने प्रत्येक गांव में किसान बैंक की स्थापना करने, प्रत्येक गांव में महिला बैंक की स्थापना करने, सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 50% आरक्षण देने, कैबिनेट की पहली बैठक में पिछड़ी जाति को 27% आरक्षण देने, गरीब परिवार को आवास के लिए तीन लाख रुपये देने, हर घर जल नल योजना पहुंचाने, भूमिहीनों को भूमि देने, पांच लाख युवकों को नौकरी देने की घोषणा की थी, सभी घोषणा धरे के धरे रह गये.
सरकार युवाओं को रोजगार दे, पैसा चाहिए तो हम चंदा कर के देंगे :
भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने कटौती प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि यह सरकार किसानों को लेकर गंभीर नहीं है. आज कृषि विभाग में पद रिक्त हैं. फरजी किसानों को पैसे दिये जा रहे हैं. सरकार किसानों को लेकर गंभीर नहीं है. मंत्री हसमुख हैं, लेकिन काम नहीं कर रहे हैं. हेमंत सोरेन सरकार कहती थी कि नियुक्ति वर्ष होगा. युवा नौकरी के लिए भटक रहे हैं. पैसा लेकर नियुक्ति करना है, तो हम चंदा दे देंगे. बेरोजगारी भत्ता की बात कही गयी, लेकिन नहीं मिला.
लोबिन ने भी उठाये सरकार पर सवाल, कहा पलायन और रोजगार पर श्वेत पत्र जारी करें
झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि झारखंड अलग होने के बाद भी यहां के लोगों को उनका हक नहीं मिल रहा है. राज्य के गरीबों को क्या मिला. आदिवासी-मूलवासी पलायन कर रहे हैं. यहां रोजगार नहीं मिल रहा है. सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. 23 वर्षों में भी खेत में पानी नहीं पहुंच पाया है. आदिवासी-मूलवासी की जमीन ही हड़पी जा रही है. कानून है, बावजूद जमीन लूटी जा रही है.