क्या हेमंत सरकार बढ़ाएगी विधायक निधि की राशि? मंत्री आलमगीर आलम ने दिया ऐसा जवाब
झारखंड विधानसभा में कल पक्ष और विपक्ष दोनों ने विधायक निधि की राशि बढ़ाने की मांग रखी. जिसके जवाब देते हुए मंत्री आलम गीर आलम ने कहा कि इसका फैसला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ही करेंगे.
रांची: विधानसभा में मंगलवार को ग्रामीण विकास, पंचायती राज, भवन निर्माण, पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य विभाग की अनुदान मांग पेश की गयी. मांग पर चर्चा के बाद ग्रामीण विकास विभाग की 80 अरब 51 करोड़ 67 लाख और 35 हजार रुपये की अनुदान मांग विपक्ष के बहिष्कार के बीच ध्वनिमत से पारित हो गयी.
चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष ने विधायक निधि चार करोड़ से बढ़ाकर आठ करोड़ करने की मांग की. सरकार का उत्तर देते हुए विभागीय मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि मधु कोड़ा जब मुख्यमंत्री थे, तब विधायक निधि तीन करोड़ की गयी थी. रघुवर दास के काल में इसे चार करोड़ किया गया. अब सभी विधायक इसे बढ़ाना चाहते हैं. इस पर निर्णय मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री ही लेंगे. उनसे आग्रह है कि सत्र समापन के दौरान कुछ घोषणा करें.
श्री आलम ने कहा कि पिछले दो साल में मनरेगा में उल्लेखनीय काम हुआ है. राज्य सरकार ने मनरेगा मजदूर में 27 रुपये का अतिरिक्त योगदान दिया है. केंद्र सरकार से मनरेगा मजदूरों को 174 रुपये मिलता है. सरकार 11 हजार अंबेडकर आवास का निर्माण करायेगी. प्रधानमंत्री आवास निर्माण में 50 हजार रुपये का अतिरिक्त सहयोग करेगी. 1200 किलोमीटर पथ चौड़ीकरण और मजबूतीकरण का काम होगा.
प्रशासनिक शक्ति के विकेंद्रीकरण की इच्छा नहीं
इससे पूर्व कटौती प्रस्ताव पेश करते हुए अनंत कुमार ओझा ने कहा कि पंचायत चुनाव नहीं कराकर राज्य सरकार ने प्रशासनिक शक्ति का विकेंद्रीकरण नहीं करना चाहती है. पिछले वर्ष में ग्रामीण विकास का बजट कुल बजट का 14.16 फीसदी था, इसे घटाकर 12.59 कर दिया गया है.
नवीन जायसवाल ने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है. यहां सिंगल विंडो से काम होने का बात कही जाती है, लेकिन, विंडो में बिना दिये काम नहीं होता है. सरकार को बताना चाहिए कि भ्रष्ट अफसरों पर कब कार्रवाई होगी. लंबोदर महतो ने कहा कि एक लाख से अधिक लाभुकों का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना से हटा दिया गया है. आलोक चौरसिया ने कहा कि मनरेगा को अब मरेगा कहा जाने लगा है.
महत्वपूर्ण योजना लेकर आयी है सरकार : बैजनाथ
कटौती प्रस्ताव का विरोध करते हुए बैजनाथ राम ने कहा कि गांवों को निकटतम प्रखंड और शहर से सड़कों को जोड़ने की महत्वपूर्ण योजना लायी है. मुख्यमंत्री सेतू योजना महत्वपूर्ण है. उमाशंकर अकेला ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों की स्थिति बहुत ही खराब है.
सड़क नहीं बनी, तो अगला चुनाव जीतना भी मुश्किल होगा. मनरेगा में भ्रष्टाचार का बड़ा कारण बीडीओ हैं. बंधु तिर्की ने कहा कि लाभुकों को स्कीम देने के बाद उसे प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए. विनोद सिंह ने गांवों की मैपिंग शुरू नहीं होने पर चिंता जतायी. चर्चा में दशरथ गगराई, इरफान अंसारी और अमित यादव ने भी हिस्सा लिया.
Posted By: Sameer Oraon