रांची : निर्दलीय विधायक व भारतीय जनतंत्र मोर्चा के संरक्षक सरयू राय ने कहा है कि झारखंड में विपक्षी दलों को अपनी भूमिका तय करनी होगी. विपक्ष भी भ्रष्टाचार के मुद्दों को उठाने में संकोच करेगा, तो फिर अंतर क्या रह जायेगा. अभी राज्य में कुछ ऐसी ही स्थिति बनी है. विपक्षी दल भी भ्रष्टाचार के मामले में बोलने से संकोच कर रहे हैं. इसी कारण धनबाद में भाजपा के कृष्णा अग्रवाल ने दल से इस्तीफा दे दिया. जिस तरह की सूचनाएं आ रही हैं, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि झारखंड की हेमंत सरकार दिसंबर तक शायद ही बरकरार रहे. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार विधिसम्मत तरीके से काम नहीं कर रही है.
श्री राय रविवार को राजधानी रांची में भारतीय जनतंत्र मोर्चा के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. सरयू राय ने कहा कि सीएम का सरकार पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है. धनबाद में आज अराजक स्थिति बनी है, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती है. विपक्ष भी इसके खिलाफ आवाज उठाकर खतरा मोल नहीं लेना चाहता है. इस स्थिति में आखिर राज्य का भला कैसे होगा. सम्मेलन में भारतीय जनतंत्र मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए भारतीय जनतंत्र मोर्चा ही सबसे भरोसेमंद पार्टी है. सम्मेलन को मोर्चा के केंद्रीय सचिव सोमेन दत्ता, केंद्रीय उपाध्यक्ष पीएन सिंह, धनबाद जिलाध्यक्ष उदय सिंह, पलामू जिलाध्यक्ष दिलीप पांडेय, रांची के जिलाध्यक्ष अशोक ठाकुर, आशीष शीतल मुंडा और सुशील कुमार ने भी संबोधित किया.
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सरयू राय ने कहा कि इडी ने रांची की जेल में छापेमारी की है. जेल में चार-पांच समूह बंद हैं और जेल से ही अपनी हर गतिविधि को संचालित कर रहे हैं. इडी को यह प्रयास करना चाहिए कि भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद इन समूहों को दूसरे राज्य की जेल में शिफ्ट कराया जाये. उन्होंने कहा कि आज इडी की मंशा पर कई दलों के लोग सवाल उठाते हैं. इस मामले में हमारी स्पष्ट राय है कि इडी जिन चीजों, तथ्यों और दस्तावेजों को बाहर निकाल रही है, क्या वह भी गलत है? इस सवाल पर बात होनी चाहिए.