रांची (वरीय संवाददाता). झारखंड चेंबर की स्किल डेवलपमेंट उप समिति की बैठक मंगलवार को चेंबर भवन में हुई. इस दौरान इस समिति का विस्तार राज्य स्तर पर करने पर चर्चा हुई. कहा गया कि प्रदेश में व्यापार की अपार संभावनाओं के बाद भी इसका लाभ स्थानीय स्तर के व्यापारियों को नहीं मिल पा रहा है. इससे उनकी उत्पादकता प्रभावित हो रही है. राज्य सरकार की योजनाओं से प्रदेश के अधिक से अधिक व्यापारी लाभान्वित हो सके, इसके लिए सभी जिला चेंबर के समन्वय से प्रयासों को गति दी जायेगी. चेंबर महासचिव आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि उद्योगों के अनुकूल स्किलिंग होने से राज्य से काफी हद तक पलायन पर रोक संभव है. यदि केंद्र और राज्य सरकार की स्किल पॉलिसी के साथ औद्योगिक संघों को भी सहभागी बनाया जाये, तो इसके सकारात्मक परिणाम आयेंगे. मौके पर राहुल साबू, नवजोत अलंग, रोहित अग्रवाल, संतोष अग्रवाल आदि उपस्थित थे.
12 फीसदी हो एफएमसीजी उत्पादों पर जीएसटी : जेसीपीडीए
झारखंड कंज्यूमर प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन (जेसीपीडीए) ने कहा है कि एफएमसीजी सेक्टर सहित कई उत्पादों पर वर्तमान जीएसटी दर कम करने की जरूरत है. सरकार का जीएसटी कलेक्शन लगातार रिकॉर्ड बना रहा है. जरूरी है कि उपभोक्ता से जुड़े उत्पादों पर जीएसटी दर को 12 फीसदी तक सीमित किया जाये. वर्तमान में उपभोक्ता से जुड़ी वस्तुओं पर जीएसटी दर 12-18 प्रतिशत प्रभावी है. जेसीपीडीए ने एफएमसीजी प्रोडक्ट्स पर केवल एक ही दर 12 प्रतिशत प्रभावी करने की मांग की है.
जीएसटी दर में कमी की जरूरत : संजय अखौरी
जेसीपीडीए के अध्यक्ष संजय अखौरी ने कहा कि बेबी फूड आइटम पर लग रहे जीएसटी दर में भी कमी करने की जरूरत है. शिशु आहार की कई वस्तुओं पर 12 से 18 प्रतिशत जीएसटी प्रभावी है. इसे अधिकतम पांच फीसदी रखा जाये. इससे उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत मिलेगी. कहा कि बेहतर और सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं मिलना प्रत्येक नागरिक का अधिकार है और सरकार का दायित्व भी है. लाइफ एंड मेडिकल इंश्योरेंस पर 18 फीसदी जीएसटी दर पूरी तरह से अनुचित है. जरूरी है कि लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस की प्रीमियम को जीएसटी मुक्त किया जाये. जेसीपीडीए ने आगामी जीएसटी काउंसिल की होनेवाली बैठक में इन बिंदुओं पर सकारात्मक विचार करने की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है