झारखंड के नक्सलियों तक पहुंच चुके हैं अत्याधुनिक विदेशी हथियार और 50 हजार से अधिक गोलियां

Jharkhand News, Naxalites of Jharkhand, Foreign Weapons, AK-47, 50 Thousand Bullets, Naxalites of Bihar-Jharkhand, National Investigation Agency: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने झारखंड के नक्सलियों को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है. जांच एजेंसी ने कहा है कि झारखंड में सक्रिय नक्सली संगठनों के पास बड़े पैमाने पर विदेशी हथियार पहुंच चुके हैं. नगालैंड एवं बिहार के हथियार तस्करों की मदद से उग्रवादी संगठनों ने ये हथियार खरीदे हैं. बांग्लादेश और म्यांमार के रास्ते नागालैंड से एके-47 जैसे अत्याधुनिक हथियार और 50,000 से अधिक गोलियां झारखंड के नक्सलियों तक पहुंच चुकी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2020 6:20 PM

रांची : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने झारखंड के नक्सलियों को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है. जांच एजेंसी ने कहा है कि झारखंड में सक्रिय नक्सली संगठनों के पास बड़े पैमाने पर विदेशी हथियार पहुंच चुके हैं. नगालैंड एवं बिहार के हथियार तस्करों की मदद से उग्रवादी संगठनों ने ये हथियार खरीदे हैं. बांग्लादेश और म्यांमार के रास्ते नागालैंड से एके-47 जैसे अत्याधुनिक हथियार और 50,000 से अधिक गोलियां झारखंड के नक्सलियों तक पहुंच चुकी है.

एनआइए की रिपोर्ट बताती है कि सबसे ज्यादा विदेशी हथियार झारखंड में सक्रिय तृतीय प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) के उग्रवादियों ने खरीदी है. हिंसक गतिविधियों में लिप्त इस उग्रवादी संगठन ने 50 से अधिक विदेशी अत्याधुनिक हथियार खरीदे हैं. एनआइए को हथियार तस्कर संतोष सिंह ने खुद यह जानकारी दी. संतोष ने जांच एजेंसी को बताया कि हथियार तस्करी में शामिल इस गिरोह के लोग किन-किन देशों के हथियार नक्सलियों को सप्लाई करते हैं.

संतोष से मिली जानकारी के मुताबिक, हथियार तस्करों का गैंग अत्याधुनिक हथियारों की डिलीवरी करता है. ये लोग अमेरिकी, इस्राइली और जर्मन हथियार तक नक्सलियों को पहुंचाते हैं. संतोष ने हथियार की डील के लिए होने वाले लेन-देन के बारे में भी एनआइए को जानकारी दी. उसने बताया कि हथियार तस्कर और नक्सलियों के बीच हवाला के जरिये पैसों का लेन-देन होता है.

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एनआइए की जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि हथियार तस्करी में लिप्त गैंग लोगों के दो बैंक खाते झारखंड की राजधानी रांची में हैं. दो दिन पहले यानी बुधवार (12 अगस्त, 2020) को पलामू जिला में पुलिस और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ में पुलिस को भारी पड़ता देख नक्सली फरार हो गये थे. वहां से पुलिस को भारी मात्रा में हथियार मिले. इसमें एक अमेरिकन राइफल शामिल है.

पुलिस की जिस उग्रवादी संगठन से मुठभेड़ हुई थी, उसका नाम टीपीसी है. बताया जाता है कि नगालैंड के हथियार तस्करों से इसी संगठन ने सबसे ज्यादा हथियार खरीदे हैं. बांग्लादेश और म्यांमार के रास्ते जो हथियार आते हैं, उसकी सप्लाई बिहार के नक्सली संगठनों को भी की जाती है.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि नक्सलियों तक विदेशी हथियार पहुंचाने वाले मुकेश सिंह को वर्ष 2019 में राजधानी रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था. वहीं, लातेहार जिला के नेतरहाट से त्रिपुरारी सिंह नामक हथियार तस्कर की गिरफ्तारी हुई थी. इन सभी के खिलाफ एनआइए चार्जशीट पेश कर चुकी है.

एनआइए की जांच में यह भी पता चला कि नक्सली संगठनों भाकपा माओवादी और पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) के पास भी विदेशी और अत्याधुनिक हथियार हैं. इन हथियारों को भी बांग्लादेश के रास्ते ही भारत लाया गया और फिर जंगलों तक पहुंचाया गया. इनका इस्तेमाल पुलिस एवं सुरक्षा बलों पर हमले में किया जाता है.

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हथियार के लिए कोड वर्ड का होता है इस्तेमाल

एनआइए की रिपोर्ट के मुताबिक, हथियार तस्करों ने बिहार और झारखंड में हथियार सप्लाई करने के लिए अपना कोड वर्ड बना रखा है. आपस में फोन पर जब ये लोग संपर्क करते हैं, तो एके-47 को ‘अम्मा’ बोलते हैं, जबकि गोलियों को ‘उनके बच्चे’.

अगर हथियार तस्कर फोन पर यह कहते पाये जाते हैं कि ‘अम्मा’ ‘अपने बच्चों’ के साथ जा रही है, तो इसका अर्थ यह हुआ कि एके-47 राइफल और कारतूस की डिलीवरी हो रही है. नागालैंड से एके-47 जैसे हथियार और 50,000 से अधिक गोलियां नक्सलियों तक पहुंच चुकी है.

कब-कब मिले विदेशी हथियार

  • 2011 में रांची में बूटी मोड़ के पास से पुलिस ने अमेरिकी रॉकेट लॉन्चर के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया था. यह हथियार अमेरिकी और पाकिस्तानी सेना इस्तेमाल करती थी. पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप को इसकी सप्लाई होनी थी.

  • चतरा में भाकपा माओवादी अजय यादव के पास से मेड इन इंगलैंड स्प्रिंग राइफल मिले थे.

  • 2015 में लातेहार में आठ अमेरिकी राइफल मिले थे.

  • सिमडेगा और हजारीबाग में पाकिस्तानी कारतूस और अमेरिकी राइफल बरामद हुए. इन मामलों की जांच एनआइए ने शुरू की थी.

  • अगस्त, 2020 में पलामू में टीपीसी नक्सलियों के पास से अमेरिकन राइफल मिले.

झारखंड-बिहार के नक्सलियों को हथियार सप्लाई करता है आखान सांगथम

झारखंड और बिहार के नक्सलियों तक हथियार पहुंचाने वाला मास्टरमाइंड आखान सांगथम है. नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड का नेता आखान सांगथम झारखंड और बिहार में नक्सलियों को विदेशी हथियार की सप्लाई करवाता है. नागालैंड में उसकी अच्छी पैठ है.

झारखंड-बिहार के कई हाई प्रोफाइल लोगों का आर्म्स लाइसेंस भी उसने नागालैंड से फर्जी कागजात के जरिये बनवाये हैं. आखान सांगथम नगालैंड के अलगाववादी संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड का कप्तान है. दीमापुर में रहने वाले मुकेश और संतोष सांगथम के लिए काम किया करते थे. इन दोनों ने सूरज को हथियार की सप्लाई के लिए रखा था.

Posted By : Mithilesh Jha

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