मोदी व शाह की नजर राज्य की जमीन व भू- संपदा पर : कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव व डॉ राजेश गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक कोरोना महामारी संकट काल को भी अवसर में बदलने की बात की थी

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2020 2:25 AM

रांची : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव व डॉ राजेश गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक कोरोना महामारी संकट काल को भी अवसर में बदलने की बात की थी, लेकिन इस बात का अंदाजा किसी को नहीं था कि जब पूरी दुनिया में आर्थिक गतिविधियां ठप है, वैसे समय में ही कोल ब्लॉक नीलामी के नाम पर जमीन पर कब्जा कर अपने उद्योगपतियों को सौंप दिया जायेगा और इसे अवसर का नाम दिया जायेगा.

आज महाराष्ट्र और गुजरात के पूंजीपतियों के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की नजर झारखंड की जमीन और भू-संपदा पर लग चुकी है. पिछले छह वर्ष के कार्यकाल में भी गोड्डा में अडाणी पावर प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण समेत अन्य परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण की जा चुकी है. इसके अलावा भूमि अधिग्रहण कानून में भी संशोधन कर पूंजीपतियों और व्यवसायियों के एक समूह को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गयी. प्रवक्ताओं ने कहा कि कहा कि कोयला का मुद्दा सिर्फ राजस्व संग्रहण से जुड़ा मसला ही नहीं, बल्कि यह मसला यहां रहनेवाले लोगों के अस्तित्व से जुड़ा है.

कोयला खनन क्षेत्र में श्रमिकों के हो रहे शोषण को देखते हुए ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में कोयला कंपनी का राष्ट्रीयकरण किया गया था, लेकिन आज फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्ववाली सरकार लोगों को उसी पुरानी व्यवस्था में ढकेलने की कोशिश में है. उन्होने कहा कि कोयला खनन का मसला सिर्फ केंद्र का विषय नहीं है, इसके लिए राज्य की सहमति भी जरूरी है और देश में संघीय ढांचे का सम्मान करते हुए फिलहाल कोल ब्लॉक की नीलामी की प्रक्रिया को स्थगित किया जाना चाहिए.

posted by : Pritish Sahay

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