मोदी मौज नहीं, मिशन है : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को पलामू में चुनावी सभा को संबोधित किया. नीलांबर-पीतांबर को नमन करते हुए मोदी ने कहा कि आपका इतना प्यार कभी नहीं भूल सकता हूं. इस भीड़ को भी भूल नहीं सकता हूं.
रांची. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को पलामू में चुनावी सभा को संबोधित किया. नीलांबर-पीतांबर को नमन करते हुए मोदी ने कहा कि आपका इतना प्यार कभी नहीं भूल सकता हूं. इस भीड़ को भी भूल नहीं सकता हूं. 2014 में आपके वोट ने ऐसा काम किया कि पूरी दुनिया, भारत के लोकतंत्र की ताकत को सलाम करने लग गयी. आपने 2014 में आपने एक वोट से कांग्रेस की महाभ्रष्ट सरकार को हटा दिया था. उन्होंने कहा कि मुझे सीएम और पीएम के रूप में सेवा करते-करते 25 साल हो जायेंगे. एक पैसे घोटाले का आरोप नहीं लगा. मेरे लिए तो मां-बहने बैठी हैं, उनका आशीर्वाद चाहिए. जीवन में कुछ नहीं चाहिए, मैं आज पद, प्रतिष्ठा, सुख-समृद्धि से दूर वैसा ही हूं, जैसा भेजा था. मोदी मौज नहीं, मिशन के लिए पैदा हुआ है. प्रधानमंत्री के साथ मंच पर नेता विपक्ष अमर बाउरी, प्रत्याशी वीडी राम, भानु प्रताप शाही, पुष्पा देवी, रामचंद्र चंद्रवंशी, एसबीपी मेहता, कमलेश सिंह, आलोक चौरसिया मौजूद थे. उन्होंने कहा कि आपके वोट ने बीजेपी-एनडीए की सरकार बनायी. आपके इसी वोट की ताकत का परिणाम क्या हुआ, आज भारत का पूरी दुनिया में डंका बज रहा है. उन्होंने कहा कि 500 साल से हमारी कितनी ही पीढ़ियां संघर्ष करती रही. इंतजार करते रही. पांच सौ साल अविरत संघर्ष चला, शायद दुनिया में इतना अविरत संघर्ष कहीं नहीं हुआ होगा. आपके वोट की ताकत देखिये, पांच सौ साल तक लड़ाई करना, इंतजार करने के लिए वो आपके लिए कोर्ट से राम मंदिर बन गया. पहले जम्मू-कश्मीर में खतरे की घंटी की बजती रहती थी, जम्मू-कश्मीर का क्या होगा, बम धमाके, गोला-बारूद. सुनायी देता था. आपके वोट की ताकत देखिए 370 की दीवार थी. 370 की दीवार को जमींदोज कर जमीन में गाड़ दिया. आये दिन हमारे झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, ओड़िशा में आंध्र में पशुपति से लेकर त्रिपति तक आतंक फैला कर हमारी धरती को लहू-लुहान कर दिया. कितनी मां बेटा अपना जवान बेटा खो दिया. बंदूक उठाकर जंगल भाग जाता था. आपके वोट ने कितने बेटे और मां को बचा दिया. आपके एक वोट ने लहुलूहान होने से बचा लिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के समय क्या हाल था. आतंकवादी गोलियां चलाते थे. अमन की आस में रहते थे. लेटर भेजते थे. जितने लेटर जाते थे, उतने ही आतंकी पाकिस्तान भेजता था. आपकी वोट ने मुझपर इतना दम भर दिया, मैंने आते ही कह दिया, यह खेल नहीं चलेागा, मां भारती का अपमान नहीं सहूंगा. नया भारत घर में घुस कर मारता है. सर्जिकल स्ट्राइक ने पाकिस्तान को हिला कर रख दिया. जब झारखंड बिहार के इलाके से देश की सेवा करते-करते सीमा और कश्मीर में शहीद न होते हों. यह हर महीने चलता था. आज सब बंद हो गया. यह आपके वोट ने किया है. एक वह स्थिति थी, कांग्रेस की डरपोक सरकार दुनिया जा-जा कर रोती थी. अब वो वक्त चला गया कि हम रोते रहें, आज स्थिति यह है कि पाकिस्तान दुनिया में रो रहा है. बचाव-बचाव चिल्ला रहा है.
मजबूत भारत अब मजबूत सरकार
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा हिन्दुस्तान कहता है, मजबूत भारत के लिए मजबूत सरकार चाहिए. मजबूत सरकार के लिए मोदी सरकार चाहिए. जेएम-कांग्रेस ने अपार धन संपदा खरीदे, मेरे पास साइकिल तक नहीं है, घर नहीं हैकांग्रेस-झामुमो अपने बच्चे के लिए काली कमाई कर रहे हैं
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सबकुछ अपने बच्चों के लिए अर्जित कर रहे हैं. ये काली कमाई छोड़कर जायेंगे. मोदी किसके लिए छोड़, आगे हैं ना पीछे. मेरे वारिस तो आप हैं. आपके नाती-पोते वारिस हैं. मेरी इच्छा है मैं आपको विरासत में आपको आपके बच्चों को विकसित भारत देकर जाऊं. आपका अच्छा जीवन हो. आपको वह सब नहीं देखना पड़े, जो मैंने देखा है. लाखों-करोड़ों ने देखा है. मेरे जीवन को आप भली भांति जानते हैं. मैंने गरीबी को जिया है. गरीबी बहुत तकलीफ वाली होती है. मेरी प्रेरणा मेरे जीवन से पैदा लिया है. आज लाभार्थियों से मिलता हूं, तो खुशी से मेरे आंख से आंसू निकल जाता है. आंसू उसी की निकल सकती है, जिसने गरीबी देखी है. जिसने मां को धुआं में खांसते नहीं देखा, वो उनको यह आंसू नहीं समझ सकता है. जिसने पेट बांध भूखे देखा, लोटा भर पानी पीकर भूख मिटाते नहीं देखा. जिसने शौचालय के अभाव में पीड़-अपमान को सहते नहीं देखा, वह मोदी के इन आंसूओं का मर्म नहीं समझेगा. यह कांग्रेस के लोग मोदी के आंसू में खुशी ढूंढ रहे हैं. ये निराश हताश लोग इतने कुंठित हो गये. मोदी ने दोहे के साथ कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा : जाके पांव ना फटे बिवय, सो क्या जाने पीर पराये. कांग्रेस के शहजादे की स्थिति यही है.
कांग्रेस ने पलामू को पिछड़ा कह कर अपमानित किया
कांग्रेस और उनके सहयोगियों ने पलामू को अपने हाल में छोड़ दिया था. दिल्ली में बैठे इनके नेताओं को पूछ लीजिए, पलामू कहां पता नहींं होगा. जेल में आदिवासी, दलित और पिछड़े जिला है. पलामू को पिछड़ा जिला कह कर अपमानित किया जाता था. कोई अफसर आना नहीं चाहता था. पिछड़ा-पिछड़ा कर बरबाद कर रहा था, मैंने उसे आकांक्षी जिला बनाया. उसमें जान भर दूंगा. पहले अफसर ऐसे जिले में आने से डरते थे.
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