रांची. राजधानी सहित जिले की बड़ी आबादी वाली मलिन बस्तियों और मोहल्लों में दिल्ली की तर्ज पर मोहल्ला क्लिनिक खोला जायेगा. इसके लिए सभी इलाकों में सर्वे किया जायेगा. सर्वेक्षण के बाद इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा की जायेगी. राजधानी रांची में 18 अटल क्लिनिक और 14 शहरी स्वास्थ्य केंद्र से फिलहाल मरीजों को उपचार की सुविधा मिल रही है.
आवश्यकता वाले क्षेत्रों को चिह्नित करने पर जोर
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में नाम बदलने को लेकर निर्देश दिये गये हैं. साथ ही घनी आबादी वाले क्षेत्र में मोहल्ला क्लिनिक की आवश्यकता वाले क्षेत्रों की पहचान कर इसकी सूचना सिविल सर्जन को देने को कहा गया है.
बदल जायेंगे सभी शहरी स्वास्थ्य केंद्र के नाम
शहरी स्वास्थ्य केंद्र का कायाकल्प करते हुए उसका नाम बदला जायेगा. जिले में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र का नाम बदलकर अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर कर दिया जायेगा. योजना के तहत अस्पताल भवन, बाउंड्री परिसर का रंग रोगन कर सौंदर्यीकरण किया जाना है. इसके लिए जिला स्तर पर जल्द टेंडर जारी किया जायेगा. जानकारी के मुताबिक जिले में सभी छोटे अस्पताल आयुष्मान आरोग्य मंदिर आरोग्यम परमं धनम् टैगलाइन से जाने जायेंगे.
डॉक्टरों की कमी, कई अस्पतालों में सेवा देने को मजबूर
साल 2019 में जहां राज्य के सरकारी अस्पतालों में स्थायी चिकित्सकों की संख्या 1450 के करीब थी, अब 1600 के करीब चिकित्सक ही कार्यरत हैं. जबकि, सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए 3,691 पद सृजित हैं. यही नहीं, स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी के चलते उन्हें आसपास के कई अस्पतालों के साथ टैग किया जा रहा है. स्पेशलिस्ट डॉक्टर के 1021 पद सृजित हैं, जबकि कार्यरत स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की संख्या महज 250 के करीब है.
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