बेंगलुरू-सूरत में प्रवासियों से हो रही वसूली, आत्महत्या की बात करने लगे हैं परेशान मजदूर
झारखंड के प्रवासी मजदूरों से बेंगलुरू और सूरत में पैसों की वसूली की जा रही है. लॉकडाउन में फंसे परेशान मजदूर अब कंट्रोल रूम में फोन कर भूख से मर जाने या आत्महत्या कर लेने की बात कह रहे हैं. वहीं, कुछ मजदूर यह पूछ रहे हैं कि इस आपदा में मर जाने पर उनके आश्रितों को आर्थिक मदद मिलेगी या नहीं. कई राज्यों से प्रवासी मजदूरों ने घर पहुंचने के लिए पैदल चलना शुरू कर दिया है.
रांची : झारखंड के प्रवासी मजदूरों से बेंगलुरू और सूरत में पैसों की वसूली की जा रही है. लॉकडाउन में फंसे परेशान मजदूर अब कंट्रोल रूम में फोन कर भूख से मर जाने या आत्महत्या कर लेने की बात कह रहे हैं. वहीं, कुछ मजदूर यह पूछ रहे हैं कि इस आपदा में मर जाने पर उनके आश्रितों को आर्थिक मदद मिलेगी या नहीं. कई राज्यों से प्रवासी मजदूरों ने घर पहुंचने के लिए पैदल चलना शुरू कर दिया है.
कंट्रोल रूम में मिली सूचनाओं को राज्य के वरीय अधिकारियों तक पहुंचा दिया गया है, ताकि तत्काल उनकी समस्याओं का हल निकाला जा सके. प्रवासी मजदूरों ने कंट्रोल रूम को सूचित किया है कि बेंगलुरू में घर वापसी के लिए प्रति मजदूर एक हजार रुपये की दर से वसूली की जा रही है. सूरत में फंसे झारखंड के मजदूरों से घर वापसी के नाम पर मुखिया द्वारा 850 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से वसूली की जा रही है. प्रवासी मजदूरों ने कंट्रोल रूम से शिकायत की- तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, ओड़िशा, छत्तीसगढ़ और गुजरात के फंसे हजारों मजदूरों ने कंट्रोल रूम को सूचित किया है कि उनके पास टिकट खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं.
नतीजतन, उन लोगों ने घर जाने के लिए पैदल ही चलना शुरू कर दिया है. कुछ मजदूरों ने बाद में रजिस्ट्रेशन करानेवालों को पहले ले जाने की शिकायत की है.
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हरियाणा में फंसे प्रवासियों ने कहा कि उन्होंने घर वापसी के लिए दिल्ली से ट्रेन की टिकट ली है. टिकट कंफर्म है, लेकिन दिल्ली पुलिस उन्हें दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दे रही है. उनके सामने दोहरी परेशानी पैदा हो गयी है.
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-दिल्ली में फंसे प्रवासी मजदूरों ने शिकायत की है कि दिल्ली से रांची के लिए चल रही विशेष ट्रेन का किराया बहुत ज्यादा है, ऐसे में उनका लौटना असंभव लगता है.
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दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात, तेलंगाना और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में फंसे मजदूरों ने सूखा राशन नहीं मिलने की कंट्रोल रूम से शिकायत की है.
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छोटे शहरों में फंसे मजदूरों ने सिर्फ बड़े शहरों में फंसे मजदूरों को वापस लाने में प्राथमिकता दिये जाने की बात कही है. इस तरह की शिकायतें मैसूर, पुणे, रंगारेड्डी, सेलम जैसे शहरों में फंसे मजदूरों ने की है.
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कंट्रोल में मिली सूचनाओं के अनुसार, दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों की संख्या बढ़ कर अब 10.16 लाख हो गयी है. इनमें से घर वापसी के लिए अब तक 6.78 लाख मजदूरों ने अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है.