मनी लाउंडरिंग केस : हेमंत सोरेन की मुश्किलें नहीं हो रहीं कम, कोलकाता में योगेश अग्रवाल के ठिकानों पर छापे
रांची की टीम मुदियाली में योगेश अग्रवाल के घर दबिश दी है. छापेमारी करने के लिए पहुंची ईडी की टीम में एक महिला समेत कुल अधिकारी हैं. ईडी की एक टीम ने बिधान सरणी में बिजनेसमैन के दफ्तर में भी पहुंची है.
ED Raids in West Bengal|झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. रांची स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की विशेष अदालत में पेशी से पहले पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में उनके करीबियों के यहां बुधवार (7 फरवरी) को छापेमारी हुई. मामला शेल कंपनी के जरिए मनी लाउंडरिंग से जुड़ा है.
कोलकाता के मुदियाली में पहुंची रांची की ईडी टीम
मामला शेल कंपनी से जुड़ा है, जिसके तार झामुमो नेता और सूबे के पूर्व मुखिया से जुड़े हैं, ऐसा बताया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, रांची में वित्तीय धोखाधड़ी के मामले में बंगाल की राजधानी कोलकाता के मुदियाली में रेड करने के लिए रांची से ईडी की टीम पहुंची है.
Also Read: झारखंड : जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन की फिर ईडी की विशेष अदालत में पेशी
योगेश अग्रवाल के घर और दफ्तर में छापेमारी
रांची की टीम ने मुदियाली में योगेश अग्रवाल नामक कारोबारी के घर दबिश दी है. छापेमारी करने के लिए पहुंची ईडी की टीम में एक महिला समेत कुल अधिकारी हैं. मुदियाली ही नहीं, ईडी की एक अन्य टीम ने बिधान सरणी स्थित इस बिजनेसमैन के दफ्तर में भी रेड मारी है.
रीयल इस्टेट, फाइनेंस और मोटर ट्रेनिंग स्कूल के बिजनेस में योगेश अग्रवाल
योगेश अग्रवाल के घर और दफ्तर पर ईडी की तलाश लगातार जारी है. सूत्रों का कहना है कि अग्रवाल परिवार रीयल इस्टेट, फाइनेंस और मोटर ट्रेनिंग स्कूल का कारोबार करता है. मोटर ट्रेनिंग कंपनी का नाम ‘लाला भगवानदास मोटर ट्रेनिंग स्कूल’ है. इन कंपनियों के निदेशक योगेश अग्रवाल और अनीशा अग्रवाल हैं.
Also Read: शादी की सालगिरह पर हेमंत सोरेन से मिलने ईडी ऑफिस पहुंचीं पत्नी कल्पना सोरेन, किया इमोशनल पोस्ट
31 जनवरी को ईडी ने कर लिया था हेमंत को गिरफ्तार
बता दें कि झारखंड की राजधानी रांची में जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन को 31 जनवरी की रात को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि, हेमंत सोरेन का आरोप है कि उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है. ईडी जिस जमीन की बात कर रही है, वह जमीन उनके नाम पर है ही नहीं. अगर ईडी इसे साबित कर दे, तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे. झारखंड भी छोड़ देंगे.