रांची : नई दिल्ली के संसद भवन में सोमवार को मानसून सत्र चल रहा है. इस दौरान एक फिर सदन के बाहर सरना धर्म कोड का मुद्दा गरमा गया है. लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित सांसद सुखदेव भगत ने अविलंब सरना धर्म कोड लागू करने की मांग की है. वह अपने एक तख्ता लिये हुए हैं, जिसमें जनगणना कॉलम में सरना धर्म कोड लागू करने की बात कही गयी है. वह इससे पहले भी पार्लियामेंट के विशेष सत्र में भी सरना धर्म कोड की मांग उठा चुके हैं.
सांसद सुखदेव भगत ने उठाया सरना धर्म कोड का मुद्दा
संसद के मॉनसून सत्र के दौरान लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र से सांसद सुखदेव भगत ने सरना धर्म कोड का मुद्दा उठाया. वे अपने साथ एक तख्ते लेकर पहुंचे थे, जहां उन्होंने सरना धर्म कोड की मांग करते हुए अविलंब इसे लागू करने की मांग की थी. उन्होंने अपने तख्ते में जनगणना कॉलम में सरना धर्म कोड लागू करने की बात लिखी थी. उनके हाथ में एक दूसरा तख्ता भी था. जिसमें लिखा था ”आदिवासी प्रकृति पुजारी है. इनकी आस्था, परंपरा और संस्कृति की रक्षा के लिए सरना धर्म जनगणना में शामिल करो”. ”जंगल में शेर और बाघ की पहचान हो सकती है तो आदिवासियों की धार्मिक पहचान क्यों नहीं”, जैसे बातें लिखी गयी थीं.
लोकसभा चुनाव के दौरान ही किया था वादा
बता दें कि सांसद सुखदेव भगत ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान ही जीतने के बाद सबसे पहले सरना धर्म कोड के लिए आवाज बुलंद करने की बात कही थी. उन्होंने ठीक वैसा ही किया. जीतने के बाद उन्होंने संसद के विशेष सत्र के दौरान सरना धर्म कोड लागू करने की मांग उठायी. लोहरदगा के इस सांसद ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में मां सरना के नाम से शपथ ली थी. तब उनकी ये बात चर्चा का विषय बनी हुई थी.