रांची : मॉनसून सत्र की समाप्ति के बाद विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि तत्कालीन सरकार ने राज्य के हर क्षेत्र में उथल-पुथल मचा दी थी. आज चीजें उभर कर सामने आ रही हैं. इससे लगता है कि सरकार हिडेन एजेंडा के लिए काम कर रही थी. जब सरकार निजी स्वार्थ के लिए काम करती है, तो पूरे राज्य तो झेलना पड़ता है.
कृषि नीति में बदलाव कर केंद्र सरकार खिलवाड़ कर रही है. किसान अनाज कैसे बेचे, यह केंद्र सरकार तय कर रही है. वर्तमान कृषि नीति से चंद बड़े व्यापारी ही किसानों की उपज बेच पायेंगे. ना कि दुमका, देवघर और बरहेट में बैठे व्यापारी. सरकार ने तो श्रम कानून में भी बदलाव कर दिया है.
मौजूदा समय में राज्य और केंद्र सरकार का समन्वय जरूरी है. जिस प्रकार देश को अग्रणी देश बनाने के लिए जीएसटी लागू किया. हमने केंद्र पर विश्वास जताया. हमने अपनी रीढ़ की हड्डी केंद्र को समर्पित कर दी. जिस तरीके से किसान, मजदूरों का आलम है. आर्टिकल 141 का दुरुपयोग हो रहा है.
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कृषि नीति हो, शिक्षा नीति, श्रम कानून और खनन नीति को लेकर बदलाव हो रहा है. कहीं ना कहीं झारखंड जैसे पिछड़ों राज्यों के सामने कई दिशा से चुनौती आयेगी. इसको लेकर भी हमारी चिंता है. हम लोगों ने कृषि विभाग पर फोकस किया है. अधिकतर कृषि पर निर्भर करने वालों को कैसे खड़ा करें. इसकी योजना तैयार हो रही है. काम अंतिम चरण में है.
Post by : Pritish Sahay