झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुरू, हेमंत सोरेन बोले- विपक्ष के घर नहीं करते ताका-झांकी
झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार से शुरू हो गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए सत्ता पक्ष तैयार है. साथ ही कह वो लोग किसी दूसरे के घर में ताका-झांकी नहीं करते हैं.
Jharkhand News: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार 28 जुलाई, 2023 को शुरू हुआ. सदन में पहले दिन स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने अपना वक्तव्य रखा. संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने एक्शन टेकन रिपोर्ट, एटीआर सदन में पेश किया. इसके बाद सदन ने दिवंगत राजनेता, कलाकार, खिलाड़ी, साहित्यकार, लेखक और विभिन्न आपदा व रेल दुर्घटना में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि दी. राज्य के शिक्षा मंत्री और टाइगर के नाम से मशहूर स्व जगरनाथ महतो को पूरे सदन ने याद किया. पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने स्वर्गीय महतो के कार्यों को याद किया. सदन ने पूर्व विधायक डेविड मुर्मू, पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, केरल के मुख्यमंत्री रहे ओमन चंडी, हरिहर नारायण प्रभाकर, पुतकर हेंब्रम, डॉ करमा उरांव, गायत्री देवी, शोभाकांत मंडल सहित कई विभूतियों को याद किया. ओडिशा के बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना में मारे गये 288 लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की. सदन में विधायकों ने मणिपुर की घटना में मारे गये लोगों को भी याद किया गया. विधायक प्रदीप यादव व विनोद सिंह ने मणिपुर की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और लोकतंत्र पर कलंक बताया. स्पीकर रबींद्रनाथ महतो, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम, भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, सुदेश महतो, सरयू राय, कमलेश सिंह ने सदन में शोक संवेदना व्यक्त की.
विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए सता पक्ष तैयार : मुख्यमंत्री
इधर, विधानसभा की कार्यवाही शुक्रवार को खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज से सत्र शुरू हुआ है, जो भी बातें है सदन में आने दीजिए, सरकार विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है. सदन में सभी बातें आयेगी. वहीं उनसे जब बीजेपी के विधायक दल के नेता नहीं चुन पाने को लेकर सवाल पूछे गये तो सीएम ने जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी की अपनी समस्या और अंदरूनी विषय है नेता प्रतिपक्ष का चुनाव, इस विषय पर बीजेपी के लोग ही बेहतर बतायेंगे. हम लोग अगल-बगल के घरों के अंदर क्या खिचड़ी पक रही है, उसकी तांका-झांकी में नहीं करते हैं. सीएम ने कहा कि विरोधियों के अंदर क्या रणनीति चल रही है, उससे हम लोग बहुत ज्यादा चिंतित नहीं होते, जब तक कि रणनीति बाहर न आये.
सत्र छोटा, लेकिन बनाएं सार्थक : अध्यक्ष
वहीं, झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने मॉनसून सत्र के पहले दिन स्वागत भाषण में कहा कि सत्र छोटा है, इसको सार्थक बनाये रखने की जरूरत है. इसमें सभी की भागीदारी जरूरी है. यहां राज्य की जनता की समस्याओं का निवारण होता है. राज्यहित में सदन संचालन में सबका सहयोग जरूरी है. लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष अलंकार होते हैं. वैचारिक मत भिन्नता के बावजूद पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्य जनता की समस्या को लेकर एकजुट रहते हैं. इस सत्र का ज्यादा से ज्यादा उपयोग अपने-अपने क्षेत्र की जनता के कल्याण में लगायें. श्री महतो ने कहा कि इस सत्र में 2023-24 का पहला अनुपूरक बजट भी आयेगा. कुल छह बैठकें होंगी. अंतिम कार्यदिवस के लिए गैर सरकारी संकल्प लाया जायेगा. इसी वर्ष 66वां राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन अफ्रीकी महादेश के घाना में हो रहा है. 30 सितंबर से छह अक्तूबर तक चलेगा. इसके लिए ज्यादातर युवा सभापति तथा सदस्यों का मनोनयन किया गया है.
बेरमो को जिला बनाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे डॉ लंबोदर
आजसू पार्टी के विधायक डॉ लंबोदर महतो ने शुक्रवार को विधानसभा परिसर में बेरमो अनुमंडल को जिला बनाने की मांग को लेकर धरना दिया. उन्होंने कहा कि इस विषय को वह कई मौके पर सदन में व सदन के बाहर उठा चुके हैं. यह मांग लोग लंबे समय से कर रहें हैं. 26 जुलाई को बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों लोगों ने बेरमो अनुमंडल मुख्यालय तेनुघाट से पदयात्रा प्रारंभ की है. पदयात्रा कर रहे लोग मुख्यमंत्री आवास आकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर अपनी मांग को रखेंगे. उन्होंने कहा कि बेरमो अनुमंडल राज्य का सबसे पुराना अनुमंडल है. वर्ष 1971 में जिला गिरिडीह से अलग होकर बेरमो अनुमंडल के रूप में अस्तित्व में आया. बेरमो अनुमंडल हर दृष्टिकोण से जिला बनने की अहर्ता रखता है. इस अनुमंडल में 07 प्रखंड, 15 थाना, 06 ओपी एवं व्यवहार न्यायालय भी है. इसकी कुल आबादी 2011 के जनगणना के अनुसार करीब 11 लाख 08 हजार 735 है. उन्होंने कहा कि इससे कम जनसंख्या तथा प्रखंड वाले अनुमंडल भी जिला बन चुका है, लेकिन बेरमो अनुमंडल के जिला नहीं बनने से लाखों लोगों को प्रशासनिक, राजस्व व विकास संबंधी कार्यों में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
कार्यमंत्रणा में सीपी-प्रदीप उलझे, सदन में मुद्दों पर चर्चा को लेकर हुई बहस
सोमवार को सदन की कार्यवाही खत्म होने के बाद कार्यमंत्रणा की बैठक शुरू हुई. स्पीकर कक्ष में कार्यमंत्रणा के सदस्य जुटे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम भी थे. सदन की कार्यवाही को लेकर चर्चा हो रही थी. भाजपा विधायक सीपी सिंह और रामचंद्र चंद्रवंशी की राय थी कि सदन में नियोजन नीति-रोजगार और लॉ एंड आर्डर पर विशेष चर्चा करायी जाये. वहीं प्रदीप यादव ने कहा कि सुखाड़ की स्थिति राज्य में बन गयी है. सुखाड़ पर विशेष चर्चा होनी चाहिए. बैठक में कहा गया कि समय का अभाव है. 31 जुलाई को वृक्षारोपण है. विशेष चर्चा के लिए समय नहीं मिल पायेगा. इस दौरान सीपी सिंह और प्रदीप यादव उलझ गये. सीपी सिंह का कहना था कि महत्वपूर्ण विषय पर बात हो रही है, तो हर चीज में प्रदीप यादव जी टपक पड़ते हैं. नया मौलवी ज्यादा प्याज खाता है. विधायक प्रदीप यादव भी अपनी बात पर अड़े थे. दूसरे सदस्यों ने दोनों को शांत कराया.
मंत्री बनने के बाद पहली बार सदन पहुंचीं बेबी देवी
पूर्व शिक्षा मंत्री दिवंगत जगरनाथ महतो की पत्नी व उत्पाद मंत्री बेबी देवी पहली बार सदन पहुंची थीं. पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने उनका स्वागत किया. हालांकि, मंत्री बेबी देवी को सदन में बोलने का मौका नहीं मिल पाया है.
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मानसून सत्र के लिए स्पीकर ने सभापति मनोनीत किये
स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने मानसून सत्र के लिए सभापति का मनोनयन किया. विधायक स्टीफन मरांडी, रामचंद्र चंद्रवंशी, सीता सोरेन, अर्पणा सेनगुप्ता, नीरल पूर्ति को सभापति मनोनीत किया गया.
कार्यमंत्रण समिति गठित
वहीं, सदन की कार्यवाही के संचालन के लिए कार्यमंत्रणा समिति का गठन हुआ. स्पीकर रबींद्रनाथ महतो इसके सभापति हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, सीपी सिंह, सुदेश महतो और सरयू राय सदस्य बनाये गये हैं. वहीं मंत्री चंपई सोरेन, रामेश्वर उरांव, मुख्य सचेतक नलिन सोरेन, स्टीफन मरांडी, लोबिन हेंब्रम, नीलकंठ सिंह मुंडा, प्रदीप यादव, सरफराज अहमद, रामचंद्र चंद्रवंशी, अर्पणा सेन गुप्ता, विनोद सिंह, कमलेश सिंह, पूर्णिमा नीरज सिंह विशेष आमंत्रित सदस्य बनाये गये हैं.